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राजेंद्र राणा ने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, हाईकमान ने सुधीर शर्मा को AICC के सचिव पद से हटाया

Rajinder Rana, Sudhir Sharma: बागी नेता राजेंद्र राणा ने हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने सुधीर शर्मा को एआईसीसी के सचिव पद से हटा दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Rajinder Rana
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 3:01 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 5:54 PM IST

हमीरपुर: बागी कांग्रेस नेता राजेंद्र राणा ने हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि राजेंद्र राणा के इस्तीफे से ठीक पहले कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा एक्शन लेते हुए एक अन्य बागी सुधीर शर्मा को AICC के सचिव पद से हटा दिया है. गौरतलब है कि इन दोनों ने ही राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी. इस्तीफा देते हुए राणा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि- ''मैं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं''. राजेंद्र राणा 2022 विधानसभा चुनाव में सुजानपुर से विधायक बने थे. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद राजेंद्र राणा समेत 6 कांग्रेस विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दे दिया था.

इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बागी विधायक सुधीर शर्मा पर कार्रवाई की है. खड़गे ने तत्काल प्रभाव से सुधीर शर्मा को AICC सचिव के पद से हटा दिया है. पार्टी के इस एक्शन के बाद सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर इस फैसले पर चुटकी ली है. गौरतलब है कि राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा दोनों ही लगातार सरकार पर हमले बोलते रहे हैं.

सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए पार्टी के इस फैसले पर एक पोस्ट किया है. सुधीर शर्मा ने लिखा कि 'भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था. चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह". बता दें कि सुधीर शर्मा धर्मशाला के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं. पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण उन्हें हाल ही में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

सुधीर शर्मा कांगड़ा जिले की धर्मशाला सीट से विधायक थे. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में चौथी बार विधानसभा पहुंचे थे. इससे पहले वो 2003, 2007 और 2012 में लगातार विधायक बने थे लेकिन 2017 में चुनाव हार गए थे. सुधीर शर्मा 2012 में वीरभद्र सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं राजेंद्र राणा हमीरपुर जिले की सुजानपुर से विधायक थे. 2012, 2017 के बाद साल 2022 में लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराया था. इन दोनों समेत कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीय विधायकों ने बीते महीने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके बाद स्पीकर ने इन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. स्पीकर के फैसले के बाद अब ये हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं है. राज्यसभा चुनाव के बाद से ही ये 6 बागी नेता पंचकूला के एक होटल में रुके हुए हैं.

हमीरपुर: बागी कांग्रेस नेता राजेंद्र राणा ने हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि राजेंद्र राणा के इस्तीफे से ठीक पहले कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा एक्शन लेते हुए एक अन्य बागी सुधीर शर्मा को AICC के सचिव पद से हटा दिया है. गौरतलब है कि इन दोनों ने ही राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी. इस्तीफा देते हुए राणा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि- ''मैं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं''. राजेंद्र राणा 2022 विधानसभा चुनाव में सुजानपुर से विधायक बने थे. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद राजेंद्र राणा समेत 6 कांग्रेस विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दे दिया था.

इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बागी विधायक सुधीर शर्मा पर कार्रवाई की है. खड़गे ने तत्काल प्रभाव से सुधीर शर्मा को AICC सचिव के पद से हटा दिया है. पार्टी के इस एक्शन के बाद सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर इस फैसले पर चुटकी ली है. गौरतलब है कि राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा दोनों ही लगातार सरकार पर हमले बोलते रहे हैं.

सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए पार्टी के इस फैसले पर एक पोस्ट किया है. सुधीर शर्मा ने लिखा कि 'भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था. चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कछु नहीं चाहिए, वो ही शहंशाह". बता दें कि सुधीर शर्मा धर्मशाला के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं. पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के कारण उन्हें हाल ही में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

सुधीर शर्मा कांगड़ा जिले की धर्मशाला सीट से विधायक थे. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में चौथी बार विधानसभा पहुंचे थे. इससे पहले वो 2003, 2007 और 2012 में लगातार विधायक बने थे लेकिन 2017 में चुनाव हार गए थे. सुधीर शर्मा 2012 में वीरभद्र सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं राजेंद्र राणा हमीरपुर जिले की सुजानपुर से विधायक थे. 2012, 2017 के बाद साल 2022 में लगातार तीसरी बार विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हराया था. इन दोनों समेत कांग्रेस के 6 और तीन निर्दलीय विधायकों ने बीते महीने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके बाद स्पीकर ने इन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था. स्पीकर के फैसले के बाद अब ये हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं है. राज्यसभा चुनाव के बाद से ही ये 6 बागी नेता पंचकूला के एक होटल में रुके हुए हैं.

Last Updated : Mar 6, 2024, 5:54 PM IST
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