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नापानेरा के 250 परिवारों की मंत्री से गुहार, रातों-रात कैसे हो गया तालाब का ठेका! - RAJGARH NAPANERA TALAB CONTRACT

मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करने वाले 250 परिवार परेशान हैं. तालाब का ठेका होने से उनके परिवार का पेट कैसे भरेगा.

RAJGARH NAPANERA TALAB CONTRACT
नापानेरा के पुराने तालाब के ठेके से मछुआरा समाज नाराज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 6:34 PM IST

राजगढ़: ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नापानेरा में मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करने वाले मछुआरा परिवारों ने उनके साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यहां एक तालाब है जिसका ठेका किसी और को दे दिया गया है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधि के साथ मिलकर कलेक्टर से की है. बता दें कि ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक नारायण सिंह पंवार वर्तमान में राज्यमंत्री हैं और मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग उन्हीं के पास है.

नापानेरा ग्राम पंचायत में है पुराना तालाब

यह पूरा मामला नापानेरा ग्राम पंचायत में स्थित प्राचीन तालाब से जुड़ा हुआ है. जिसके बारे में कहा जाता है कि राजगढ़ जिले में यह सबसे पुराना तालाब है और यहां रहने वाले भूमिहीन केवट परिवार के लोग मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करके अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. स्थानीय केवट समाज का कहना है कि वह इसी तालाब पर निर्भर हैं और इसी से अपना पेट पालते हैं.

मछुआरा परिवारों ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप (ETV Bharat)

तालाब के टेंडर से केवट समाज नाराज

मंगलवार को केवट समाज के लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को कलेक्टर के नाम लिखित आवेदन देकर इस टेंडर को निरस्त करने की मांग की है. केवट समाज के प्रतिनिधि ने बताया कि "2024 में यह टेंडर हुआ है. इसकी जानकारी सरपंच और सचिव को भी नहीं है. ऐसे में इस पुराने तालाब का टेंडर गांव से किसी बाहर के दबंग को दे दिया है. इस गांव के लगभग 250 परिवार इसी तालाब पर निर्भर हैं. ऐसे में हम सभी ने कलेक्टर को आवेदन देकर टेंडर को निरस्त करने की मांग की है."

'केवट समाज को मिलना चाहिए टेंडर'

मीडिया से चर्चा करते हुए ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि रामचंद्र ने कहा कि "ग्राम पंचायत नापानेरा में तालाब का टेंडर हो गया लेकिन इसकी सूचना ना तो ग्राम पंचायत को दी गई और ना ही मछुआरा समिति को. जबकि नियम यह है कि ग्राम पंचायत में निवास करने वाले केवट समाज को पहली प्राथमिकता है और अगर ये लोग न लेना चाहे तो आदिवासी फिर गांव के अन्य लोग और उसके बाद ग्राम पंचायत के बाहर के लोगों को यह टेंडर दिया जाता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और ये टेंडर गलत तरीके से दूसरे को दे दिया गया और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए."

राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार का है विधानसभा क्षेत्र

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पंवार राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं. उन्हीं के पास मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग भी है. नापानेरा ग्राम पंचायत ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में ही आती है.

ये भी पढ़ें:

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चंद रुपयों की मछली के लिए जान से खिलवाड़, बुरहानपुर में प्रशासन की सख्ती बेअसर

जिला पंचायत सीईओ को सौंपा ज्ञापन

ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि रामचंद्र का कहना है कि "पूर्व में राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार से भी मुलाकात करते हुए उन्हें अवगत कराया था लेकिन उनसे संतोषप्रद जवाब नहीं मिला, इसलिए कलेक्टर के नाम ज्ञापन के माध्यम से जिला पंचायत सीईओ को अवगत कराया है. उन्होंने हमें उचित निराकरण के लिए आश्वस्त किया है. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि राज्यमंत्री ने दोनों ही पार्टी को मिलने के लिए भी बुलाया है."

राजगढ़: ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नापानेरा में मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करने वाले मछुआरा परिवारों ने उनके साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यहां एक तालाब है जिसका ठेका किसी और को दे दिया गया है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने सरपंच प्रतिनिधि के साथ मिलकर कलेक्टर से की है. बता दें कि ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक नारायण सिंह पंवार वर्तमान में राज्यमंत्री हैं और मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग उन्हीं के पास है.

नापानेरा ग्राम पंचायत में है पुराना तालाब

यह पूरा मामला नापानेरा ग्राम पंचायत में स्थित प्राचीन तालाब से जुड़ा हुआ है. जिसके बारे में कहा जाता है कि राजगढ़ जिले में यह सबसे पुराना तालाब है और यहां रहने वाले भूमिहीन केवट परिवार के लोग मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करके अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. स्थानीय केवट समाज का कहना है कि वह इसी तालाब पर निर्भर हैं और इसी से अपना पेट पालते हैं.

मछुआरा परिवारों ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप (ETV Bharat)

तालाब के टेंडर से केवट समाज नाराज

मंगलवार को केवट समाज के लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को कलेक्टर के नाम लिखित आवेदन देकर इस टेंडर को निरस्त करने की मांग की है. केवट समाज के प्रतिनिधि ने बताया कि "2024 में यह टेंडर हुआ है. इसकी जानकारी सरपंच और सचिव को भी नहीं है. ऐसे में इस पुराने तालाब का टेंडर गांव से किसी बाहर के दबंग को दे दिया है. इस गांव के लगभग 250 परिवार इसी तालाब पर निर्भर हैं. ऐसे में हम सभी ने कलेक्टर को आवेदन देकर टेंडर को निरस्त करने की मांग की है."

'केवट समाज को मिलना चाहिए टेंडर'

मीडिया से चर्चा करते हुए ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि रामचंद्र ने कहा कि "ग्राम पंचायत नापानेरा में तालाब का टेंडर हो गया लेकिन इसकी सूचना ना तो ग्राम पंचायत को दी गई और ना ही मछुआरा समिति को. जबकि नियम यह है कि ग्राम पंचायत में निवास करने वाले केवट समाज को पहली प्राथमिकता है और अगर ये लोग न लेना चाहे तो आदिवासी फिर गांव के अन्य लोग और उसके बाद ग्राम पंचायत के बाहर के लोगों को यह टेंडर दिया जाता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और ये टेंडर गलत तरीके से दूसरे को दे दिया गया और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए."

राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार का है विधानसभा क्षेत्र

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पंवार राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं. उन्हीं के पास मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग भी है. नापानेरा ग्राम पंचायत ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में ही आती है.

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जिला पंचायत सीईओ को सौंपा ज्ञापन

ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि रामचंद्र का कहना है कि "पूर्व में राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार से भी मुलाकात करते हुए उन्हें अवगत कराया था लेकिन उनसे संतोषप्रद जवाब नहीं मिला, इसलिए कलेक्टर के नाम ज्ञापन के माध्यम से जिला पंचायत सीईओ को अवगत कराया है. उन्होंने हमें उचित निराकरण के लिए आश्वस्त किया है. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि राज्यमंत्री ने दोनों ही पार्टी को मिलने के लिए भी बुलाया है."

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