राजगढ़: मध्य प्रदेश के हर जिले में जिला कलेक्ट्रेट में हर मंगलवार को जनसुनवाई होती है. जहां गरीब, पीड़ित और कई तरह के फरियादी अपनी परेशानी प्रशासन के सामने लेकर पहुंचते हैं. हाथों में जनसुनवाई के आवेदन और पावती लिए हुए राजगढ़ जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट में खड़ा हुआ यह व्यक्ति दुर्गलाल किरार है, जो कि वर्तमान में राजगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली लिम्बोदा ग्राम पंचायत का सरपंच है. ये वह व्यक्ति है, जिसने लगभग 15 से 20 वर्ष पूर्व कांग्रेस की सरकार चले जाने के बाद अपने जूते चप्पल त्याग दिए थे.
रोजगार सचिव ने फर्जी तरीके से निकाले पैसे
दुर्गालाल किरार वर्तमान में लिम्बोदा ग्राम पंचायत के सरपंच हैं. सरपंच का आरोप है कि उनकी कही सुनवाई नहीं हो रही है. दुर्गालाल किरार ने बताया कि, 'उनकी ग्राम पंचायत का रोजगार सचिव मनमानी पर उतारू है. उसने ग्रामीणों के जॉब कार्ड लगाकर राशि निकाली है. जिसकी मुझे भी खबर नहीं है. न ही वो गांव के गरीब ग्रामीणों का कोई काम करता है. मैंने उसकी कई बार लिखित शिकायत कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ व जनपद सीईओ पराग पंथी से की है, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई.
जनपद पंचायत सीईओ ने नहीं उठाया फोन
सरपंच ने कहा कि हर बार बस आश्वासन मिलता है, शिकायत की जांच नहीं की जाती. जिसकी शिकायत उन्होंने राजगढ़ कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा से की है. जिन्होंने फिर से जांच के पश्चात उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.' वहीं मामले को लेकर राजगढ़ जनपद पंचायत के सीईओ से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया.
सरपंच को कमलनाथ-दिग्विजय ने पहनाए थे जूते
आपको बता दें कि दुर्गालाल किरार ने कांग्रेस की सरकार चले जाने के बाद अपने जूते चप्पल त्याग दिए थे. वे नंगे पैर हो गए थे. साल 2018 में कांग्रेस सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे. जिसके पश्चात दुर्गालाल किरार को तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जूते पहनाए थे. जो कि अब राजगढ़ जिला मुख्यालय में दफ्तरों के चक्कर लगाते हुए घिसा रहे हैं. सरपंच का आरोप है कि उसकी कही सुनवाई नहीं हो रही है.