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मेयर ढेबर के रूस से लाइट मेट्रो के समझौते पर मूणत ने उठाए सवाल, कहा- 'यह चुनावी सब्ज बाग" - Raipur Metro Train

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 23, 2024, 11:04 PM IST

रायपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए रूस के साथ मेयर एजाज ढेबर के एमओयू पर राजेश मूणत ने सवाल खड़े हैं. पूर्व मंत्री तथा भाजपा विधायक राजेश मूणत ने मेयर ढेबर की इस यात्रा को व्यक्तिगत यात्रा करार दिया है. उनका कहना है कि "राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है."

RAIPUR METRO TRAIN Controversy
रूस से लाइट मेट्रो के समझौते पर मूणत ने उठाए सवाल (ETV Bharat)

रायपुर : पूर्व मंत्री तथा भाजपा विधायक राजेश मूणत ने रायपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए रूस के साथ एमओयू पर सवाल खड़े करते हुए बड़ा हमला बोला है. राजेश मूणत का कहना है कि "ऐसा एमओयू दूसरे देश के साथ तभी हस्ताक्षरित किया जा सकता है, जब संबंधित विभाग-पदाधिकारी केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति से मंजूरी मिली हो."

"मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे": राजेश मूणत ने कहा, "मेयर ढेबर मास्को (रूस) में जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं, उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने दिया था, न कि वहां की सरकार ने. मेयर ढेबर की यह यात्रा व्यक्तिगत है, जिसका पूरा खर्च वही उठा रहे हैं. राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है. मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह सरकारी यात्रा भी नहीं है.

"मेयर ढेबर रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए जिस एमओयू की बात कर रहे हैं. ऐसा एमओयू दूसरे देश के साथ तभी हस्ताक्षरित किया जा सकता है, जबकि संबंधित विभाग-पदाधिकारी केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति से मंजूरी मिली हो. अगर मेयर ने कथित एमओयू पर दस्तखत किए हैं, तो इसकी भारत में कोई वैधता ही नहीं है. क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत यात्रा है, जिसमें वे सरकार का प्रतिनिधित्व कर ही नहीं रहे हैं." - राजेश मूणत, विधायक, रायपुर पश्चिम

"एमओयू में जो बातें रहती हैं, इसमें हैं ही नहीं" :पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया, "कथित एमओयू में रायपुर और मास्को के बीच लाइट मेट्रो विकसित करने में सहयोग का उल्लेख किया गया है. यह ऐसा कैसा एमओयू है, जिसमें यही नहीं बताया गया कि फंड कैसे आएगा, मेट्रो रेल बनाने के लिए तकनीक का हस्तांतरण कैसे होगा, इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की भूमिका क्या रहेगी. एमओयू में प्रारंभिक सर्वेक्षण और कार्यान्वयन योजना का भी कोई उल्लेख नहीं है.

"रायपुर समेत प्रदेश में जल्द ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं. मेयर ढेबर ने कथित तौर पर लोगों को यह सब्ज बाग दिखाने की कोशिश की है." - राजेश मूणत, विधायक, रायपुर पश्चिम

"यह समझौता सरकारी तौर पर अमान्य होगा": मूणत का दावा किया है कि कोई भी पदाधिकारी व्यक्तिगत तौर पर किसी अन्य देश में गया हो और वहां कोई भी समझौता करते हों तो यह सरकारी तौर पर पूरी तरह अमान्य होगा. उन्होंने कहा, "रायपुर नगर निगम के मेयर को मास्को में परिवहन और सड़क बुनियादी ढांचा विकास विभाग के प्रमुख द्वारा मास्को के डिप्टी मेयर से व्यक्तिगत निमंत्रण प्राप्त हुआ था. यह निमंत्रण व्यक्तिगत था और किसी राष्ट्रीय या राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं आया था."

रायपुर नगर निगम के मेयर ऐजाज ढेबर इस समय मास्को में हैं. उन्होंने भारत की मीडिया को बताया था कि उन्होंने रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. यह एमओयू मास्को में परिवहन शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया है. वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने इसी एमओयू पर सवाल खड़े किए हैं.

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"मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे": राजेश मूणत ने कहा, "मेयर ढेबर मास्को (रूस) में जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं, उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने दिया था, न कि वहां की सरकार ने. मेयर ढेबर की यह यात्रा व्यक्तिगत है, जिसका पूरा खर्च वही उठा रहे हैं. राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है. मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, इसलिए यह सरकारी यात्रा भी नहीं है.

"मेयर ढेबर रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए जिस एमओयू की बात कर रहे हैं. ऐसा एमओयू दूसरे देश के साथ तभी हस्ताक्षरित किया जा सकता है, जबकि संबंधित विभाग-पदाधिकारी केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति से मंजूरी मिली हो. अगर मेयर ने कथित एमओयू पर दस्तखत किए हैं, तो इसकी भारत में कोई वैधता ही नहीं है. क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत यात्रा है, जिसमें वे सरकार का प्रतिनिधित्व कर ही नहीं रहे हैं." - राजेश मूणत, विधायक, रायपुर पश्चिम

"एमओयू में जो बातें रहती हैं, इसमें हैं ही नहीं" :पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया, "कथित एमओयू में रायपुर और मास्को के बीच लाइट मेट्रो विकसित करने में सहयोग का उल्लेख किया गया है. यह ऐसा कैसा एमओयू है, जिसमें यही नहीं बताया गया कि फंड कैसे आएगा, मेट्रो रेल बनाने के लिए तकनीक का हस्तांतरण कैसे होगा, इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की भूमिका क्या रहेगी. एमओयू में प्रारंभिक सर्वेक्षण और कार्यान्वयन योजना का भी कोई उल्लेख नहीं है.

"रायपुर समेत प्रदेश में जल्द ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं. मेयर ढेबर ने कथित तौर पर लोगों को यह सब्ज बाग दिखाने की कोशिश की है." - राजेश मूणत, विधायक, रायपुर पश्चिम

"यह समझौता सरकारी तौर पर अमान्य होगा": मूणत का दावा किया है कि कोई भी पदाधिकारी व्यक्तिगत तौर पर किसी अन्य देश में गया हो और वहां कोई भी समझौता करते हों तो यह सरकारी तौर पर पूरी तरह अमान्य होगा. उन्होंने कहा, "रायपुर नगर निगम के मेयर को मास्को में परिवहन और सड़क बुनियादी ढांचा विकास विभाग के प्रमुख द्वारा मास्को के डिप्टी मेयर से व्यक्तिगत निमंत्रण प्राप्त हुआ था. यह निमंत्रण व्यक्तिगत था और किसी राष्ट्रीय या राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं आया था."

रायपुर नगर निगम के मेयर ऐजाज ढेबर इस समय मास्को में हैं. उन्होंने भारत की मीडिया को बताया था कि उन्होंने रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. यह एमओयू मास्को में परिवहन शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया है. वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने इसी एमओयू पर सवाल खड़े किए हैं.

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