गिरिडीहः राजधनवार के अंचलाधिकारी गुलजार अंजुम का विवादों से गहरा नाता रहा है. यहां पर कार्यकाल के दौरान एक के बाद एक आरोप उनपर लगता रहा है. इस बार बदसलूकी और मारपीट का मामला सामने आया है. इस मामले के सामने आने के बाद ग्रामीणों ने इनका पुतला फूंका है. सीओ पर आरोप लगाया कि इनके द्वारा बालू गाड़ियों से अवैध वसूली की जा रही थी और इसी वजह से मारपीट की घटना हुई है. ईटीवी भारत ने सीओ से सीधी बात की. सीओ से हर उस विवाद और आरोप पर सवाल किया जो उनपर लगा है. बातचीत में सीओ ने आरोपों को गलत बताया और कहा कि एक विशेष समाज उनके पीछे पड़ा है.
सवाल: किस बात पर हुई मारपीट, उस दिन हुआ क्या था ?
जवाब: 4 जुलाई को अरगाली से लौट रहा था. रास्ते में ब्लू रंग का स्वराज ट्रेक्टर मिला जिसपर गिट्टी लदा था, वाहन को रोका और कागजात की मांग की. गाड़ी को किनारे लगाकर एक स्टाफ को सड़क पर खड़ा किया जो ट्रेक्टर की निगरानी कर रहा था. तभी एक बाइक पर चार लोग आए और मेरे कर्मी के साथ धक्का- मुक्की करते हुए ट्रेक्टर को भगा कर ले गए. इसके बाद वहां से निकलते हुए परसन ओपी प्रभारी को सूचना दी, पुलिस के साथ मैं भी आया और फिर फरार हुए ट्रेक्टर को खोजा गया लेकिन मिला नहीं.
सवाल : आरोप है कि गाड़ी को रोककर आप वसूली कर रहे थे ?
जवाब: वसूली का आरोप सरासर गलत बात है. एक खास वर्ग, एक खास तबका, एक खास सिंडिकेट मुझे बदनाम करने पर लगा है. ये लोग मेरा ट्रांसफर करवाना चाहते हैं, यही लोग मेरे ऊपर दबाव बना रहे हैं कि पूर्व की व्यवस्था चलते रहे और बगैर चालान के गिट्टी - बालू का उठाव करते रहे. यही लोग गलत गलत वीडियो पिछले 15 दिनों से वायरल कर रहे हैं. मैंने एक भी व्यक्ति से कभी पैसा नहीं लिया. एक सुनियोजित साजिश के तहत पत्थर माफिया उन्हें बदनाम कर रहे हैं.
सवाल: 22 जून को आपने बरजो के पास गिट्टी लदे ट्रकों को पकड़ा जिनके पास उस वक्त चालान नहीं था फिर एक घंटे में छोड़ दिया गया और उस चालान पर छोड़ा गया जिसे पकड़ाने के एक घंटा के बाद जारी किया गया था.
जवाब: बरजो पेट्रोल पंप के पास गिट्टी लदे ट्रकों को पकड़ा था, जिस वक्त वाहन को पकड़ा गया उस समय ट्रक चालकों के पास चालान नहीं था. सभी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कागजात तैयार किया जा रहा था तभी सभी वाहन के मालिक आ गए और चालान दिखाया तब जाकर वाहनों को छोड़ा गया.
सवाल: क्या ट्रकों को छोड़ने से पहले चालान निर्गत होने के समय को देखा गया था.
जवाब: वाहन छोड़ने से पहले चालान देखा गया था, जो चालान था वह ट्रक पकड़ाने से पहले का था.
सवाल: आप वाहन को पकड़ते हैं, खनन विभाग को सूचित करते हैं लेकिन परिवहन विभाग को सूचित करने में देरी होती है. पिछले माह घोडथम्बा क्षेत्र में हाइवा पकड़ने के बाद यही हुआ था.
जवाबः ऐसा हो नहीं सकता, हो सकता है मेरे कर्मी ने मेल किया हो और मेल परिवहन विभाग को मिला नहीं हो. वैसे वाहन पकड़ने के बाद पत्र खनन विभाग और परिवहन विभाग को लिखा जाता है ताकि सरकार को ज्यादा से ज्यादा राजस्व मिल सके.
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