भुवनेश्वर: पर्यावरण अनुकूल दशहरा समारोह को बढ़ावा देने के लिए उड़ीसा उच्च न्यायालय ने रावण पोड़ी के दौरान कटक में होने वाली आतिशबाजी प्रतियोगिता के खिलाफ फैसला सुनाया है. इस साल रावण पोड़ी के दौरान आतिशबाजी की कोई प्रतियोगिता नहीं होगी. हाईकोर्ट ने प्रतियोगिता रोकने का आदेश दिया है. सिल्वर सिटी के नाम से मशहूर कटक के सबसे प्रतीक्षित दशहरा कार्यक्रम के अनुसार, रावण पोडी का कायाकल्प होने जा रहा है.
इस संबंध में पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए अधिवक्ता समिति ने पारंपरिक प्रदूषणकारी और शोर मचाने वाले पटाखों के स्थान पर पर्यावरण अनुकूल रंगीन पटाखों का उपयोग करने का सुझाव दिया है. इस संबंध में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने कटक नगर निगम (CMC) और स्थानीय प्रशासन को 10 अक्टूबर तक रावण पोड़ी समारोह के लिए बाली यात्रा मैदान तैयार करने का आदेश दिया है. यह निर्देश सुनिश्चित करता है कि कटक में दशहरा उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम सुचारू रूप से चले.
वहीं निर्बाध अनुभव की सुविधा के लिए, कटक के पुलिस उपायुक्त (DCP) को यातायात को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने, भीड़भाड़ को कम करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है. बता दें कि कटक सर्वधर्म संस्कृत परिषद द्वारा हर साल रबनपोडी उत्सव मनाया जाता है. इसमें तीरों का खूब प्रयोग किया जाता है. कुछ मामलों में आतिशबाजी में प्रतिस्पर्धा भी देखी जाती है, जो पर्यावरण संरक्षण पर सवाल खड़े करता है. इस वर्ष उच्च न्यायालय ने पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण की रोकथाम और कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों की सुरक्षा सहित अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए संगठन पर कई प्रतिबंध जारी किए हैं.
ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने महिला सरपंच को हटाने का आदेश रद्द किया, जानें बेंच ने क्या कहा