जयपुर : प्रदेश में जल्द प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना धरातल पर उतरेगी. खास बात ये है कि योजना के तहत केंद्र से पहले राजस्थान को 500 ई बसें मिलने वाली थी, जिसमें अब 175 बसों का इजाफा हुआ है. केंद्र से बसें आने से पहले शुक्रवार को नगर निगमों में चार्जिंग और सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ रूट को लेकर मंथन किया गया. वहीं, कोऑर्डिनेशन के लिए डीएलबी डायरेक्टर के कार्यालय में अर्बन ट्रांसपोर्ट सेल भी गठित की गई है.
एलएसजी प्रमुख सचिव टी रविकांत ने बताया कि सभी निगम कमिश्नरों के साथ जेसीटीएसएल और बड़े शहरों की ट्रांसपोर्ट सर्विसेज में कुछ नई बसें जोड़ने की प्लानिंग है. राजस्थान सरकार की बजट घोषणा को पूरा करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग तैयारी में लगा हुआ है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री की बस सेवा को धरातल पर उतरने के लिए जमीनी प्लान, सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ई बस सेवा योजना के अंतर्गत जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर को इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिलेगी. खास बात ये है कि अब 500 नहीं 675 बसें राजस्थान के पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेड़े में जुड़ेंगी.
मुख्यमंत्री के प्रयासों से 175 बसें और जुड़ीं : एलएसजी प्रमुख सचिव टी रविकांत ने बताया कि पीएम ई-बस योजना के तहत पहले पूरे प्रदेश में 500 बसें आने वाली थी. उनके अलावा मुख्यमंत्री के प्रयासों से 175 बसें और आ रही हैं. इन सबके लिए सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, रूट और दूसरी तैयारी को लेकर सभी निगम के कमिश्नरों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इसकी कोऑर्डिनेशन के लिए डीएलबी डायरेक्टर के कार्यालय में अर्बन ट्रांसपोर्ट सेल भी गठित की है, जिसमें विशेषज्ञ और इंजीनियर को शामिल किया जाएगा, जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट रिलेटेड ऑपरेशन देखेंगे. बता दें कि इन बसों के डिपो के लिए भूमि आवंटन का काम भी प्रक्रियाधीन है. वहीं, योजना की केंद्र से मिली गाइडलाइन के अनुसार नए डिपो निर्माण के लिए 60 फीसदी और बिहाइंड द मीटर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 100 फीसदी सहायता केंद्र से मिलेगी.