जयपुर : राजस्थान में हो रहे विधानसभा उपचुनाव के लिए शाम को 6 बजने के साथ ही प्रचार का शोर भी थम गया. इसके बाद अब प्रत्याशी डोर टू डोर अपना प्रचार कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मतदान के अंतिम 48 घंटे पहले प्रत्याशियों को प्रचार बंद करना होता है. किसी भी पार्टी का स्टार प्रचारक और नेता को 6 बजे के साथ विधानसभा से बाहर जाना होगा. अब किसी भी तरह से कोई जनसभा और रैली या जुलूस नहीं निकाल पाएंगे.
अब सिर्फ डोर टू डोर जनसंपर्क : शाम 6 बजे चुनाव प्रचार थमने के बाद अब प्रदेश में कहीं भी जनसभा और रोड शो की अनुमति नहीं है. चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रत्याशी डोर टू डोर चुनाव प्रचार करेंगे. इसके बाद कल यानी मंगलवार को ईवीएम के साथ मतदान दलों को बूथ के लिए रवाना किया जाएगा. बता दें कि प्रदेश में 7 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा. सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होगी. उपचुनाव दौसा, उनियारा-देवली, झुंझुनू, खींवसर, सलूंबर, चौरासी और रामगढ़ सीट पर हो रहे हैं. इनमे से 5 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने और दो सीटों पर विधायक की मौत होने पर उपचुनाव हो रहे हैं.
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि राजस्थान विधानसभा उपचुनाव-2024 के अंतर्गत होने वाले मतदान के लिए शाम 6 बजे से प्रचार-प्रसार थम गया है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि से पहले प्रचार बंद करना होता है. 13 नवंबर को शाम 6 बजे तक मतदान होगा. महाजन ने बताया कि इन निर्देशों की पालना निर्वाचन मशीनरी एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सुनिश्चित करने के निर्देश आयोग ने दिए हैं. इसमें सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं आदि जहां पर भी बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जाता है उनकी निगरानी करने, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी, सत्यापन करने, बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी रखने और इसके लिए चेक पोस्ट स्थापित करने और उनकी पहचान क्या है ?, सत्यापन करने की कार्यवाही भी शामिल है.
ये रहेंगे दिशा-निर्देश
- निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस आयोजित नहीं होगा, न उसमें कोई उपस्थित होगा.
- टेलीविजन या ऐसे ही अन्य साधनों की ओर से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा.
- कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा. उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति यदि इन उपबंधों का उल्लंघन करता है तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा होगी.
- भारत निर्वाचन आयोग ने प्रासंगिक पत्रों के माध्यम से निर्देशित किया है कि कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है अथवा सांसद या विधायक नहीं है, वह उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद नहीं ठहर सकता.