जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय के संविधान पार्क में छात्रों ने शनिवार को मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा. नची के प्रदेश प्रवक्ता अमरदीप परिहार ने कहा कि ये लाल रंग इंकलाब और आह्वान का है. बीजेपी सरकार लाल रंग बहुत पसंद करती है, क्योंकि जिस तरह 18 जुलाई को छात्रों पर लाठियां भांजी गईं, उस दौरान किसी का हाथ टूटा, किसी का सिर फूटा और सड़कों पर खून गिरा. आज उसी खून के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ये मांग कर रहे हैं कि छात्र संघ चुनाव बहाल करना पड़ेगा.
वहीं, छात्र नेता महेश चौधरी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के कारण पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार चुनाव नहीं करा सकी थी, लेकिन उन्होंने सरकार रिपीट होने के साथ ही छात्र संघ चुनाव कराने की बात कही थी. हालांकि, कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं हुई, लेकिन अब बीजेपी सरकार को छात्र संघ चुनाव कराने चाहिए. टॉकिंग छात्र राजनीति की पहली सीढ़ी चढ़ सकें. सरकार बकायदा एक महीने पहले नोटिफिकेशन जारी करते हुए लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार चुनाव कराए.
वहीं, छात्र प्रतिनिधि विजय पाल ने कहा कि रोष उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के बयान से है. उसके बाद ही लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं. उसका कारण भी यही है कि सरकार आखिर में ये ना बोल दें कि उनसे छात्र संघ चुनाव कराए जाने की डिमांड नहीं की गई और जिस तरह से अपनी जायज मांग रखने पर छात्रों को पीटा गया, उससे कई छात्रों के खून तक निकल गया. सरकार को खून चाहिए, इसलिए उन्हें अब खून से ही लेटर लिखकर छात्र संघ चुनाव बहाल करने की मांग की गई है.
छात्र रक्त क्रांति का अभियान लेकर जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से राजस्थान विश्वविद्यालय पहुंचे छात्र नेता ज्ञानोदया चौधरी ने कहा कि छात्रों को मजबूरन छात्र रक्त क्रांति की शुरुआत करनी पड़ी. छात्र अपने अमूल्य रक्त से मुख्यमंत्री के नाम चिट्ठी लिख रहे हैं. इस क्रांति की शुरुआत जोधपुर जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से हुई और अब राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. सरकार से यही मांग है कि वो छात्र संघ चुनाव कराए, क्योंकि ये छात्रों का अधिकार है.