जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से रविवार को दो महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया. सुबह पहली पारी में कंप्यूटर सीधी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. 586 पदों पर आयोजित इस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों ने कुछ खास रुचि नहीं दिखाई. महज 47.45 फ़ीसदी अभ्यर्थी ही परीक्षा देने पहुंचे. वहीं, रविवार को दूसरी पारी में 3531 पदों पर सीएचओ भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें 76.60 प्रतिशत उपस्थिति रही. दोनों ही परीक्षाओं के आयोजन के दौरान धांधली रोकने के लिए त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था की गई.
रविवार को इस भर्ती परीक्षा को दोबारा कराया गया : बीते साल राज्य सरकार की ओर से कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के 3 हजार 531 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. इस भर्ती परीक्षा को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित कराया गया था, लेकिन परीक्षा से जुड़े सवाल परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिसके चलते अभ्यर्थियों ने बोर्ड के अधिकारियों को पेपर आउट होने की जानकारी दी. इसकी जांच की जिम्मेदारी एसओजी को सौंपी गई, जिसकी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से परीक्षा को निरस्त किया गया था. इसके बाद रविवार को इस भर्ती परीक्षा को दोबारा कराया गया है.
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इतने अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा : प्रदेश में अजमेर, भरतपुर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर जिलों में 310 परीक्षा केंद्रों पर ये भर्ती परीक्षा आयोजित कराई गई, जिसमें 92 हजार 49 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे. इनमें से 70 हजार 514 यानी 76.60 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में अपना भाग्य आजमाने पहुंचे. कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की ये भर्ती संविदा पर की जाएगी. इससे पहले रविवार सुबह प्रदेश के 8 जिलों में 564 परीक्षा केंद्रों पर कंप्यूटर सीधी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया. 586 पदों पर हुई इस भर्ती परीक्षा में 1 लाख 80 हजार 127 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे, लेकिन परीक्षा देने सिर्फ 85 हजार 471 यानी 47.45 फीसदी अभ्यर्थी ही पहुंचे.
इन दोनों ही परीक्षा को लेकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को परीक्षा से 1 घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने के लिए अनिवार्य किया गया था. परीक्षार्थियों के परीक्षा कक्षा में बैठने के बाद एग्जाम पेपर परीक्षा केंद्र पर पहुंचाए गए, ताकि पेपर लीक जैसी कोई समस्या न हो. इसके अलावा ओएमआर शीट को खाली छोड़ कर धांधली करने वालों पर नकेल कसने के लिए हर प्रश्न के पांच ऑप्शन दिए गए, जिनमें से किसी एक को भरना अनिवार्य किया गया. उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा में सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह चाक चौबंद रखा गया था और बड़े शहरों में ही इन परीक्षाओं के केंद्र स्थापित किए गए, ताकि उचित व्यवस्था की जा सके.