जयपुर : राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में इस बार निवेशकों की नजर पश्चिमी राजस्थान पर है. इसका बड़ा कारण है रिन्युएबल एनर्जी. बीते दिन समिट के पहले अडाणी ग्रुप समेत टाटा और बिड़ला ग्रुप ने रिन्युएबल एनर्जी पर विशेष जोर दिया था और निवेश को लेकर घोषणा की थी.
टाटा पावर ने राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश समिट में 1.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की है. टाटा पावर के सीईओ एवं एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा कि टाटा पावर की 1.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश रोडमैप का उद्देश्य राजस्थान को पावर सरप्लस राज्य बनाना है. इसमें नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं (सौर, पवन और हाइब्रिड परियोजनाओं) के साथ-साथ रूफटॉप सोलर, ट्रांसमिशन और वितरण और ईवी चार्जिंग शामिल हैं. यह निवेश करीब 28,000 नौकरियों का सृजन करेगा.
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राजस्थान पहली पसंद : टाटा पावर के सीईओ एवं एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा कि राजस्थान में सौर क्षमता 18GW से अधिक है, जिससे यह भारत में एक प्रमुख राज्य बन गया है. टाटा की ओर से घर-घर सौर पहल के तहत, टाटा पावर रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के लिए 10 लाख परिवारों को लक्षित करेगा.
इसके साथ ही बीते दिन अडाणी पोर्ट एवं एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (MD) और CEO करण अडाणी ने कहा है कि राजस्थान में अडाणी ग्रुप अलग-अलग क्षेत्रों में 7.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा. इसमें ग्रीन एनर्जी पर विशेष फोकस होगा. ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान में नौकरियों की बहार आएगी. इसके अलावा बिड़ला समूह राजस्थान में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा, जो सीमेंट, टेक्सटाइल, रिन्यूएबल एनर्जी और अन्य क्षेत्रों में रहेगा.