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ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी प्रकरण, इन चिकित्सकों के इस्तीफे मंजूर - Rajasthan Organ Transplant Case - RAJASTHAN ORGAN TRANSPLANT CASE

Rajasthan Organ Transplant Case, अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामले की जांच रिपोर्ट के बाद चिकित्सा विभाग ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इन दोनों चिकित्सकों ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी.

Rajasthan Organ Transplant Case
इन चिकित्सकों के इस्तीफे मंजूर (ETV BHARAT Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 6, 2024, 9:27 PM IST

जयपुर. ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी प्रकरण की जांच रिपोर्ट के बाद चिकित्सा विभाग ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इन दोनों चिकित्सकों ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. साथ ही आरयूएचएस के वीसी डॉ. सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमेन के पद से हटा दिया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार इस प्रकरण से जुड़ी जांच रिपोर्ट को राजभवन भी भेजेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर डॉ. सुधीर भंडारी को आरयूएचएस के वीसी पद से हटाने की सिफारिश की जाएगी. मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि फर्जी एनओसी प्रकरण को लेकर इस्तीफे मंजूर कर लिए गए हैं और आगे भी चिकित्सा विभाग इस पूरे मामले की जांच करता रहेगा.

मांगा था स्पष्टीकरण : फर्जी एनओसी जारी होने के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी. इस प्रकरण में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और नियंत्रक डॉ. सुधीर भंडारी, स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के संयुक्त निदेशक रहे डॉ. अमरजीत मेहता व सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को नोटिस जारी कर प्रत्यारोपण से जुड़ी सूचनाएं मांगी थी.

इसे भी पढ़ें - ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी केस में एक्शन, राजस्थान पुलिस के डीजीपी ने दिए उच्च स्तरीय जांच के निर्देश, गुरूग्राम भेजी टीम - High Level Investigation

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान की ओर से डॉ. सुधीर भंडारी को जारी नोटिस में उनके एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पद के कार्यकाल के दौरान आयोजित राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति की बैठकों, उनमें लिए गए निर्णयों, जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्रों से संबंधी जानकारी अविलंब उपलब्ध कराने को कहा गया था. नोटिस में डॉ. भंडारी से पूछा गया था कि सोटो के गठन के लिए एनओटीपी गाइडलाइन के अनुसार चैयरमेन का पद स्वीकृत नहीं है, लेकिन उनके द्वारा प्रधानाचार्य पद से हटने के बाद भी सोटो चैयरमेन के रूप में पत्राचार किया गया है. सोटो राजस्थान में उनकी भूमिका, कार्य प्रणाली, सोटो वेबसाइट के संधारण एवं मॉनिटरिंग के संबंध में पूरी जानकारी मांगी गई थी.

जयपुर. ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी प्रकरण की जांच रिपोर्ट के बाद चिकित्सा विभाग ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इन दोनों चिकित्सकों ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी. साथ ही आरयूएचएस के वीसी डॉ. सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमेन के पद से हटा दिया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार इस प्रकरण से जुड़ी जांच रिपोर्ट को राजभवन भी भेजेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर डॉ. सुधीर भंडारी को आरयूएचएस के वीसी पद से हटाने की सिफारिश की जाएगी. मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि फर्जी एनओसी प्रकरण को लेकर इस्तीफे मंजूर कर लिए गए हैं और आगे भी चिकित्सा विभाग इस पूरे मामले की जांच करता रहेगा.

मांगा था स्पष्टीकरण : फर्जी एनओसी जारी होने के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी. इस प्रकरण में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य और नियंत्रक डॉ. सुधीर भंडारी, स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन के संयुक्त निदेशक रहे डॉ. अमरजीत मेहता व सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को नोटिस जारी कर प्रत्यारोपण से जुड़ी सूचनाएं मांगी थी.

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चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान की ओर से डॉ. सुधीर भंडारी को जारी नोटिस में उनके एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य पद के कार्यकाल के दौरान आयोजित राज्य स्तरीय प्राधिकार समिति की बैठकों, उनमें लिए गए निर्णयों, जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्रों से संबंधी जानकारी अविलंब उपलब्ध कराने को कहा गया था. नोटिस में डॉ. भंडारी से पूछा गया था कि सोटो के गठन के लिए एनओटीपी गाइडलाइन के अनुसार चैयरमेन का पद स्वीकृत नहीं है, लेकिन उनके द्वारा प्रधानाचार्य पद से हटने के बाद भी सोटो चैयरमेन के रूप में पत्राचार किया गया है. सोटो राजस्थान में उनकी भूमिका, कार्य प्रणाली, सोटो वेबसाइट के संधारण एवं मॉनिटरिंग के संबंध में पूरी जानकारी मांगी गई थी.

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