जयपुर. राजस्थान में इस बार छात्रों और राजनीतिक दलों के नेताओं का एक साथ इम्तिहान होने जा रहा है. राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए 19 और 26 अप्रैल को मतदान होगा. वहीं, इन्हीं तारीखों के आसपास स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी होंगी. साथ ही जेईई मेंस की परीक्षा भी प्रस्तावित है. ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती मतदान केंद्रों की व्यवस्था करने की होगी.
प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर होने वाले मतदान के लिए अमूमन स्कूल भवनों को ही मतदान केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि स्कूल, कॉलेज परिसर को मतदान केंद्र के रूप में अधिग्रहित कर लिया जाता है तो फिर छात्र परीक्षा कैसे देंगे. लोकसभा चुनाव के मतदान दिवसों से राजस्थान यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं की डेट्स क्लैश हो रही थी. ऐसे में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल की सभी परीक्षाओं को रीशेड्यूल तो कर दिया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से कॉमर्स कॉलेज और राजस्थान कॉलेज को चुनाव तैयारी और मतगणना के लिए अधिग्रहण किया जाएगा. इससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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इसी तरह प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान ही 5वीं बोर्ड की परीक्षा 15 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच होनी थी. हालांकि, प्रारंभिक शिक्षा व पंचायती राज विभाग ने संशोधित परीक्षा कार्यक्रम जारी करते हुए अब 30 अप्रैल से 4 मई का टाइम टेबल जारी किया है. वहीं, जिला समान परीक्षा योजना के तहत कक्षा 9 और कक्षा 11वीं की परीक्षाएं 5 अप्रैल से शुरू हो रही है, जो 29 अप्रैल तक चलेगी. लोकसभा चुनाव के कारण जयपुर में 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तीन दिन का अंतराल दिया है. अन्य जिलों में भी परीक्षा कार्यक्रम में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को होने वाले मतदान को ध्यान में रखते हुए वार्षिक परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया गया है.
वहीं, 4 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच साइंस स्टूडेंट्स के भविष्य का निर्धारण करने वाली जेईई मेंस की परीक्षा भी प्रस्तावित है. चूंकि ये परीक्षा ऑनलाइन होती है. ऐसे में उन सभी संस्थाओं से टाइअप किया जाता है, जहां कंप्यूटर लैब का अच्छा प्रबंध हो. इसके बावजूद कुछ सेंटर ऐसे हैं, जो मतदान केंद्र के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाते हैं. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि जिन भी स्कूल परिसरों में छात्रों की परीक्षाएं होनी है, वहां परीक्षा अंतराल में ही चुनावी तैयारी की जाएगी और मतदान के तुरंत बाद वहां से ईवीएम को शिफ्ट कर दिया जाएगा. ताकि छात्रों की परीक्षा में किसी तरह का विघ्न न आए.
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बहरहाल, परीक्षाओं के इस दौर के बीच न सिर्फ छात्रों की परीक्षा होगी. बल्कि लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे राजनेताओं का भी इम्तिहान होगा. 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को सभी 25 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो जाएगा. जिसका परिणाम 4 जून को आएगा और ये तय होगा कि आखिर कौन सा राजनेता इस चुनावी परीक्षा में पास हुआ है और कौन सा फेल.