कोटा. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी शुक्रवार से दो दिवसीय कोटा दौरे पर हैं. कोटा पहुंचने पर उन्होंने वल्लभबाड़ी स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय पर पहुंचे, जहां पर वरिष्ठ प्रचारक रखो के साथ मंत्रणा की. इसके बाद सर्किट हाउस पहुंचे, जहां पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा और भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश कुमार जैन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इसके बाद में स्वामी विवेकानंद स्कूल महावीर नगर तृतीय में आरएसएस के शिक्षण वर्ग में शामिल होने का कार्यक्रम था.
मीडिया से बातचीत करते हुए गठबंधन की सरकार आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे तो गठबंधन की सरकार लगभग पिछले काफी समय से है, ये सबके स्वभाव में है. देश का नेतृत्व सफलतापूर्वक चलेगा. जिस प्रकार के समाचार आए हैं, उसमें साफ है कि एनडीए ने नेता भी चुन लिया गया है और प्रधानमंत्री पद का दायित्व का शपथ ग्रहण 9 जून को होगा. मोदी जिस मार्ग पर अभी चल रहे हैं, उसको गति देंगे और जनता की समस्याओं का समाधान और देश भी आगे ले जाने में जुटेंगे.
देवनानी ने 400 पार के नारे पर कहा कि राजनीतिक पार्टी के लोग जवाब दे सकते हैं, लेकिन यह नारा एक लक्ष्य के रूप में था. जिस तरह का रिजल्ट आए हैं, लोकसभा चुनाव में सब दलों ने जितनी सीटं प्राप्त की है, उतनी एक दल ने प्राप्त की है. इसीलिए मैं समझता हूं कि उतार-चढ़ाव परिणाम में आते रहते हैं. आज भी देश सशक्त नेतृत्व के हाथ में है. देश इसी गति से आगे बढ़ेगा. बीजेपी खुद बहुमत के आंकड़े से ऊपर थी, अब कई बिल में विरोधाभास होगा. इस पर वासुदेव देवनानी ने कहा कि सभी दल सहयोग करेंगे. आज की बैठक में सभी ने विचार प्रकट किए हैं. जिसमें सभी ने नरेंद्र मोदी में विश्वास प्रकट किया है.
विधायिका के प्रति जवाबदेह बनी रहे कार्यपालिका : देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा देश की कई विधानसभाों में अग्रणी रही है. अब और अग्रणी बने, इसको लेकर मैंने चीफ सेक्रेटरी और सभी प्रिंसिपल सेक्रेटरी की मीटिंग ली है, ताकि कार्यपालिका का विधायिका के प्रति जवाबदेही बनी रहे व समय पर सभी विधायकों के प्रश्नों और ध्यान आकर्षण के जवाब मिले.
मेरे सामने आया कि 15वीं विधानसभा के लगभग 5000 प्रश्न के उत्तर अभी तक बाकी हैं. इसलिए निर्देशित किया है कि एक सत्र शुरू होने के पहले पिछले सत्र के सभी प्रश्न क्लियर हो जाएं. दो दिन में करीब 2500 प्रश्न क्लियर कर दिए गए, शेष का जवाब दिया जा रहा है. सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित दिया है कि प्रश्नों में देरी होने से समितियों की बैठक और उनके पर्यवेक्षण समय से नहीं आ पाते हैं. इसके अलावा ऑडिट रिपोर्ट भी नहीं आ पाती है. इसी को लेकर हम रणनीति बना रहे हैं.