बाड़मेर-जैसलमेर. शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जैसलमेर पुलिस द्वारा उनके भाई से जैसलमेर जिले से बाहर जाने की अपील को लेकर चुनाव आयोग और जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए पलटवार किया है. भाटी ने अपना एक वीडियो जारी कर कहा है कि बायतु विधायक (हरीश चौधरी) शिव विधानसभा क्षेत्र के थुंबली गांव में क्यों आए? जबकि वे न तो चीफ इलेक्शन एजेंट हैं और न ही प्रत्याशी. वो सिर्फ राजनीतिक रूप से प्रभावित करने आए थे, जिसकी आड़ में फर्जी वोटिंग हो सके.
भाटी आगे कहा कि हमारे लोग मजबूत थे, जिसकी वजह वो सफल नहीं हो सके, जबकि कुछ देर पहले मेरे भाई को पुलिस द्वारा जिला छोड़ने को कहा गया. जबकि मेरा भाई तो राजनीति से भी नहीं जुड़ा हुआ है. जब उनको बाहर निकलने को कहा गया तो बायतू विधायक को क्यों नहीं रोका गया? रविंद्र सिंह भाटी ने चुनाव आयोग और जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि वो इस पर भी ध्यान दें.
बूथ कैप्चरिंग और वोटिंग रोकने के आरोप : बता दें कि रविंद्र सिंह भाटी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर बताया था कि बायतु विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों से उनके एजेंटों को बूथ से बाहर निकाला जा रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में बूथ कैप्चर किया जा रहा है. उनके खुद के विधानसभा शिव के थुंबली में वोटिंग रोकने के आरोप लगे हैं. इसके अलावा भाटी ने आरोप लगाया है कि ईवीएम पर उनके नाम पर पट्टी लगाई जा रही है, जिससे कि मतदाता उनका नाम नहीं पढ़ नहीं सके.
भाटी ने आरोप लगाया कि प्रशासन आखिर किसके दबाव में काम कर रहा है. यह कैसा लोकतंत्र है. इसी तरह भाटी ने जैसलमेर के पूनम नगर के अंदर उनके एजेंट के साथ हो रही बदसलूकी का वीडियो भी पोस्ट किया है. इससे पहले भाटी ने अपने पत्र गांव दूधोड़ा में परिवार के साथ मतदान किया और उसके बाद लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर निकल गए.