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बेटों को चुनाव जिताने में जुटे राजस्थान के दो पूर्व सीएम, जालोर-झालावाड़ पर फोकस - Rajasthan Lok Sabha Election 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के रण में भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी है. इस बीच राजस्थान के दो पूर्व मुख्यमंत्री अपने-अपने बेटों को चुनाव जिताने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत जहां सिरोही-जालोर सीट पर फोकस किए हुए हैं. वहीं, भाजपा की दिग्गज नेत्री वसुंधरा राजे झालावाड़-बारां से बाहर नहीं निकल रही हैं.

Rajasthan Lok Sabha Election 2024
बेटों को चुनाव जिताने में जुटे राजस्थान के दो पूर्व सीएम
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 22, 2024, 3:20 PM IST

Updated : Apr 22, 2024, 4:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के रण में कांग्रेस और भाजपा के नेता पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं. भाजपा लगातार तीसरी बार प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाने की बात कर रही है. वहीं, कांग्रेस भाजपा के विजय रथ को रोकने की रणनीति में जुटी है. प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. इन सबके बीच प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की चर्चा है, जो अपने-अपने बेटों को चुनाव जिताने में लगे हुए हैं.

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ज्यादा फोकस सिरोही-जालोर सीट पर है. जहां से उनके बेटे वैभव गहलोत चुनावी मैदान में हैं. जितनी चुनावी सभाएं उन्होंने राजस्थान के अलग-अलग सीटों पर की. कमोबेश उतनी ही सभाएं अकेली सिरोही जालोर सीट पर कर चुके हैं. जबकि भाजपा की दिग्गज नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार लोकसभा चुनाव में झालावाड़-बारां से बाहर नहीं निकलीं. जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. राजनीती के जानकारों का यह भी कहना है कि सिरोही-जालोर सीट पर कांग्रेस के वैभव गहलोत का भाजपा के लुंबाराम चौधरी से कांटे का मुकाबला है, लेकिन झालावाड़-बारां में दुष्यंत सिंह कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया से आगे हैं. बावजूद इसके, वसुंधरा राजे अब तक पूरी तरह से इसी सीट पर फोकस किए हुए हैं.

वैभव के समर्थन में दक्षिण तक गए गहलोत : लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही अशोक गहलोत ने बेटे वैभव गहलोत के लिए कैंपेन शुरू कर दिया. सिरोही-जालोर सीट पर प्रवासियों का दबदबा माना जाता है. ऐसे में प्रवासियों को साधने के लिए अशोक गहलोत ने मुंबई, चेन्नई से लेकर बेंगलुरू तक दौरे कर चुके हैं. माना जाता है कि इस सीट की चाबी प्रवासियों के हाथ में है. ऐसे में गहलोत शुरुआत में ही प्रवासियों को साधने में जुट गए. हालांकि, इस बीच गहलोत ने राजस्थान की अन्य सीटों पर भी सभाएं की हैं.

सिरोही से बाहर इन सीटों पर किया प्रचार : अशोक गहलोत ने जोधपुर में करण सिंह उचियारड़ा और बाड़मेर में उम्मेदाराम बेनीवाल के समर्थन में सभा की थी. उदयपुर से पार्टी प्रत्याशी ताराचंद मीणा और चित्तौड़गढ़ से प्रत्याशी उदयलाल आंजना के समर्थन में भी उन्होंने सभा की. बारां में उर्मिला जैन भाया के समर्थन में भी सभा की. पहले चरण के प्रचार अभियान में उन्होंने नागौर में रालोपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल और सीकर से सीपीआई(एम)-कांग्रेस गठबंधन से चुनाव लड़ रहे अमराराम के समर्थन में भी सभा की. जयपुर में प्रताप सिंह खाचरियावास के समर्थन में भी प्रचार किया. इसके अलावा प्रदेशभर में कई नामांकन सभाओं को भी उन्होंने संबोधित किया.

पढ़ें : गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले- भाजपा ने सनातन धर्म का ठेका ले रखा है, हम भी गाय को पूजते हैं - Loksabha Election 2024

सिरोही-जालोर में यहां हुई गहलोत की सभाएं : वैभव गहलोत के नामांकन के बाद से अब तक सिरोही-जालोर में अशोक गहलोत कई सभाएं कर चुके हैं. उन्होंने सांचौर, भीनमाल, आहोर, जालोर, सियाणा, भाद्राजून, आबूरोड, पिंडवाड़ा, जावाल, चितलवाना में सभाएं कर चुके हैं. सरनऊ, शिवगंज, बाली, आबूरोड में सोमवार को अशोक गहलोत की जनसभा है. इसके साथ ही अशोक गहलोत ने सिरोही-जालोर के कई मंदिरों और धार्मिक स्थलों में भी दर्शन करने पहुंचे हैं. जालोर, सिरोही, सांचोर के लिए वचन पत्र भी जारी किया.

पिछली बार जोधपुर से चुनाव हार गए थे वैभव : अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का यह दूसरा लोकसभा चुनाव है. वे 2019 में जोधपुर सीट से मैदान में उतरे थे. जहां उनका मुकाबला भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हुआ. इस मुकाबले में वैभव को दो लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. अब वैभव गहलोत सिरोही-जालोर से चुनाव लड़ रहे हैं. जहां उनका मुकाबला भाजपा के लुंबाराम चौधरी से है. यह चुनाव वैभव गहलोत का राजनीतिक भविष्य तो तय करेगा ही. इसके साथ ही सिरोही-जालोर सीट से अशोक गहलोत की साख भी जुड़ी है.

वसुंधरा राजे झालावाड़-बारां में कर रहीं प्रचार : लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से वसुंधरा राजे का फोकस पूरी तरह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर बना हुआ है. जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर पूरी कमान वसुंधरा राजे ने अपने हाथ में ले रखी है. क्षेत्र में वसुंधरा राजे सभाएं भी कर रही हैं और कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ लगातार बैठकें कर चुनाव की रणनीति तय कर रही हैं. खास बात यह है कि प्रदेश में भाजपा के बड़े नेताओं के दौरों में भी वसुंधरा राजे मौजूद नहीं रहीं.

पढ़ें : लोकसभा चुनाव से वसुंधरा की दूरी, जानें क्या है राजे का राज, मिशन 25 पर लग सकता है डेंट - Rajasthan Lok Sabha Election 2024

चार बार से सांसद हैं दुष्यंत सिंह : वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह लगातार चार बार से झालावाड़-बारां सीट से सांसद हैं और अब वे इसी सीट से पांचवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. झालावाड़-बारां सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. इससे पहले सिर्फ झालावाड़ लोकसभा सीट थी. दुष्यंत सिंह ने 2004 में झालावाड़ से चुनाव जीता. इसके बाद 2009 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में वे झालावाड़-बारां से मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. झालावाड़ वसुंधरा राजे का गृह क्षेत्र है. 1989 से 1999 तक वसुंधरा राजे झालावाड़ से पांच बार सांसद रही हैं.

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के रण में कांग्रेस और भाजपा के नेता पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं. भाजपा लगातार तीसरी बार प्रदेश की सभी 25 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाने की बात कर रही है. वहीं, कांग्रेस भाजपा के विजय रथ को रोकने की रणनीति में जुटी है. प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है. इन सबके बीच प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की चर्चा है, जो अपने-अपने बेटों को चुनाव जिताने में लगे हुए हैं.

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ज्यादा फोकस सिरोही-जालोर सीट पर है. जहां से उनके बेटे वैभव गहलोत चुनावी मैदान में हैं. जितनी चुनावी सभाएं उन्होंने राजस्थान के अलग-अलग सीटों पर की. कमोबेश उतनी ही सभाएं अकेली सिरोही जालोर सीट पर कर चुके हैं. जबकि भाजपा की दिग्गज नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार लोकसभा चुनाव में झालावाड़-बारां से बाहर नहीं निकलीं. जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. राजनीती के जानकारों का यह भी कहना है कि सिरोही-जालोर सीट पर कांग्रेस के वैभव गहलोत का भाजपा के लुंबाराम चौधरी से कांटे का मुकाबला है, लेकिन झालावाड़-बारां में दुष्यंत सिंह कांग्रेस प्रत्याशी उर्मिला जैन भाया से आगे हैं. बावजूद इसके, वसुंधरा राजे अब तक पूरी तरह से इसी सीट पर फोकस किए हुए हैं.

वैभव के समर्थन में दक्षिण तक गए गहलोत : लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही अशोक गहलोत ने बेटे वैभव गहलोत के लिए कैंपेन शुरू कर दिया. सिरोही-जालोर सीट पर प्रवासियों का दबदबा माना जाता है. ऐसे में प्रवासियों को साधने के लिए अशोक गहलोत ने मुंबई, चेन्नई से लेकर बेंगलुरू तक दौरे कर चुके हैं. माना जाता है कि इस सीट की चाबी प्रवासियों के हाथ में है. ऐसे में गहलोत शुरुआत में ही प्रवासियों को साधने में जुट गए. हालांकि, इस बीच गहलोत ने राजस्थान की अन्य सीटों पर भी सभाएं की हैं.

सिरोही से बाहर इन सीटों पर किया प्रचार : अशोक गहलोत ने जोधपुर में करण सिंह उचियारड़ा और बाड़मेर में उम्मेदाराम बेनीवाल के समर्थन में सभा की थी. उदयपुर से पार्टी प्रत्याशी ताराचंद मीणा और चित्तौड़गढ़ से प्रत्याशी उदयलाल आंजना के समर्थन में भी उन्होंने सभा की. बारां में उर्मिला जैन भाया के समर्थन में भी सभा की. पहले चरण के प्रचार अभियान में उन्होंने नागौर में रालोपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल और सीकर से सीपीआई(एम)-कांग्रेस गठबंधन से चुनाव लड़ रहे अमराराम के समर्थन में भी सभा की. जयपुर में प्रताप सिंह खाचरियावास के समर्थन में भी प्रचार किया. इसके अलावा प्रदेशभर में कई नामांकन सभाओं को भी उन्होंने संबोधित किया.

पढ़ें : गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले- भाजपा ने सनातन धर्म का ठेका ले रखा है, हम भी गाय को पूजते हैं - Loksabha Election 2024

सिरोही-जालोर में यहां हुई गहलोत की सभाएं : वैभव गहलोत के नामांकन के बाद से अब तक सिरोही-जालोर में अशोक गहलोत कई सभाएं कर चुके हैं. उन्होंने सांचौर, भीनमाल, आहोर, जालोर, सियाणा, भाद्राजून, आबूरोड, पिंडवाड़ा, जावाल, चितलवाना में सभाएं कर चुके हैं. सरनऊ, शिवगंज, बाली, आबूरोड में सोमवार को अशोक गहलोत की जनसभा है. इसके साथ ही अशोक गहलोत ने सिरोही-जालोर के कई मंदिरों और धार्मिक स्थलों में भी दर्शन करने पहुंचे हैं. जालोर, सिरोही, सांचोर के लिए वचन पत्र भी जारी किया.

पिछली बार जोधपुर से चुनाव हार गए थे वैभव : अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का यह दूसरा लोकसभा चुनाव है. वे 2019 में जोधपुर सीट से मैदान में उतरे थे. जहां उनका मुकाबला भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हुआ. इस मुकाबले में वैभव को दो लाख से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. अब वैभव गहलोत सिरोही-जालोर से चुनाव लड़ रहे हैं. जहां उनका मुकाबला भाजपा के लुंबाराम चौधरी से है. यह चुनाव वैभव गहलोत का राजनीतिक भविष्य तो तय करेगा ही. इसके साथ ही सिरोही-जालोर सीट से अशोक गहलोत की साख भी जुड़ी है.

वसुंधरा राजे झालावाड़-बारां में कर रहीं प्रचार : लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद से वसुंधरा राजे का फोकस पूरी तरह झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर बना हुआ है. जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर पूरी कमान वसुंधरा राजे ने अपने हाथ में ले रखी है. क्षेत्र में वसुंधरा राजे सभाएं भी कर रही हैं और कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ लगातार बैठकें कर चुनाव की रणनीति तय कर रही हैं. खास बात यह है कि प्रदेश में भाजपा के बड़े नेताओं के दौरों में भी वसुंधरा राजे मौजूद नहीं रहीं.

पढ़ें : लोकसभा चुनाव से वसुंधरा की दूरी, जानें क्या है राजे का राज, मिशन 25 पर लग सकता है डेंट - Rajasthan Lok Sabha Election 2024

चार बार से सांसद हैं दुष्यंत सिंह : वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह लगातार चार बार से झालावाड़-बारां सीट से सांसद हैं और अब वे इसी सीट से पांचवीं बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. झालावाड़-बारां सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. इससे पहले सिर्फ झालावाड़ लोकसभा सीट थी. दुष्यंत सिंह ने 2004 में झालावाड़ से चुनाव जीता. इसके बाद 2009 से 2019 तक हुए लोकसभा चुनाव में वे झालावाड़-बारां से मैदान में उतरे और जीत दर्ज की. झालावाड़ वसुंधरा राजे का गृह क्षेत्र है. 1989 से 1999 तक वसुंधरा राजे झालावाड़ से पांच बार सांसद रही हैं.

Last Updated : Apr 22, 2024, 4:57 PM IST
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