जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थान में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा का चुनाव पहले दिन से चर्चा में बना हुआ है. वहीं, शुक्रवार को मतदान के दिन लगातार वहां से कई तरह की खबरें सामने आ रही हैं. निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे हैं कि उनके एजेंटों को बूथ से बाहर निकाला जा रहा है. उनके समर्थकों को वोटिंग से रोका जा रहा है. सरकार और पुलिस प्रशासन के दुरुपयोग के भी आरोप लगाए हैं.
इस बीच जैसलमेर पुलिस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट डाली है, जिसमें कहा गया है कि रविंद्र सिंह भाटी का भाई जैसलमेर का निवासी नहीं है और वह जैसलमेर में मौजूद रहकर लोगों को प्रभावित कर रहा है. पुलिस अपील करती है कि वह तुरंत प्रभाव से जैसलमेर जिला छोड़कर चला जाए. इस पोस्ट पर पुलिस के पक्ष और विपक्ष में लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी है.
सोशल मीडिया पर छाए भाटी और बाड़मेर : राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 13 सीटों पर है, लेकिन सोशल मीडिया पर बाड़मेर और रविंद्र सिंह भाटी ही छाए हुए हैं. भाटी के समर्थक लगभग हर बड़े मतदान केंद्रों के आसपास मौजूद हैं और वहां से लगातार अपडेट कर रहे हैं. रविंद्र सिंह भाटी ने कई समर्थकों के पोस्ट रिपोस्ट भी किए हैं.
कहीं बूथ कैप्चरिंग के आरोप तो कहीं वोटिंग रोकने के : रविंद्र सिंह भाटी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर बताया है कि बायतु विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों से उनके एजेंटों को बूथ से बाहर निकाला जा रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में बूथ कैप्चर किया जा रहा है. उनके खुद के विधानसभा शिव के थुंबली में वोटिंग रोकने के आरोप लगे हैं. इसके अलावा भाटी ने आरोप लगाया है कि ईवीएम पर उनके नाम पर पट्टी लगाई जा रही है, जिससे कि मतदाता उनका नाम नहीं पढ़ नहीं सके.
भाटी ने आरोप लगाया कि प्रशासन आखिर किसके दबाव में काम कर रहा है. यह कैसा लोकतंत्र है. इसी तरह भाटी ने जैसलमेर के पूनम नगर के अंदर उनके एजेंट के साथ हो रही बदसलूकी का वीडियो भी पोस्ट किया है. इससे पहले भाटी ने अपने पत्र गांव दूधोड़ा में परिवार के साथ मतदान किया और उसके बाद लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर निकल गए.