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नर्सिंग भर्ती-2023 की अंतिम वरीयता सूची में अनियमितता पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर ने नर्सिंग भर्ती-2023 की अंतिम वरीयता सूची जारी करने में अनियमितता करने पर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 17, 2024, 8:14 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग भर्ती-2023 की अंतिम वरीयता सूची जारी करने में अनियमितता करने पर चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अजमेर से जवाब तलब किया है. जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश दिनेश चन्द की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि चिकित्सा विभाग ने नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों के लिए 5 मई, 2023 को भर्ती निकाली थी. भर्ती में विभाग की ओर से याचिकाकर्ता सहित अन्य अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन किए. वहीं बाद में विभाग की ओर से जारी अस्थाई वरीयता सूची में भी याचिकाकर्ता का नाम शामिल था. याचिका में कहा गया कि उसके 75.89 अंक आए हैं. वहीं, एससी वर्ग की कट ऑफ 65.43 अंक ही रखी है.

पढ़ें: अजमेर : नर्सिंग कर्मियों ने किया प्रदर्शन, यूटीवी नर्सिंग कर्मियों को फिर से लगाए जाने की मांग

सैनी ने अदालत को बताया कियाचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक अंक हैं. इसके बावजूद भी अंतिम वरीयता सूची में याचिकाकर्ता को शामिल नहीं किया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि विभाग ने ऐसे दर्जनों अभ्यर्थियों का अंतिम वरीयता सूची में चयन कर लिया, जिनका नाम अस्थाई वरीयता सूची में ही नहीं था. ऐसे में विभाग की ओर से जारी अंतिम वरीयता सूची में गंभीर अनियमितता की गई है. इसलिए वरीयता सूची को रद्द कर नए सिरे से वरीयता सूची जारी की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग भर्ती-2023 की अंतिम वरीयता सूची जारी करने में अनियमितता करने पर चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अजमेर से जवाब तलब किया है. जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश दिनेश चन्द की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि चिकित्सा विभाग ने नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों के लिए 5 मई, 2023 को भर्ती निकाली थी. भर्ती में विभाग की ओर से याचिकाकर्ता सहित अन्य अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन किए. वहीं बाद में विभाग की ओर से जारी अस्थाई वरीयता सूची में भी याचिकाकर्ता का नाम शामिल था. याचिका में कहा गया कि उसके 75.89 अंक आए हैं. वहीं, एससी वर्ग की कट ऑफ 65.43 अंक ही रखी है.

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सैनी ने अदालत को बताया कियाचिकाकर्ता के कट ऑफ से अधिक अंक हैं. इसके बावजूद भी अंतिम वरीयता सूची में याचिकाकर्ता को शामिल नहीं किया गया. याचिका में आरोप लगाया गया कि विभाग ने ऐसे दर्जनों अभ्यर्थियों का अंतिम वरीयता सूची में चयन कर लिया, जिनका नाम अस्थाई वरीयता सूची में ही नहीं था. ऐसे में विभाग की ओर से जारी अंतिम वरीयता सूची में गंभीर अनियमितता की गई है. इसलिए वरीयता सूची को रद्द कर नए सिरे से वरीयता सूची जारी की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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