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महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी न्यायोचित है या नहीं- हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि दो माह का समय बीतने के बाद भी अब तक महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति नहीं होना ठीक नहीं है.

Rajasthan High Court,  Advocate General
राजस्थान हाईकोर्ट .
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2024, 8:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव बाद नई सरकार के गठन के बाद भी अब तक महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति नहीं करने से जुडे़ मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि दो माह का समय बीतने के बाद भी अब तक नियुक्ति नहीं होना ठीक नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इनकी नियुक्ति के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा पांच फरवरी तक बताने को कहा है.

अदालत ने सवाल खड़ा किया है कि क्या महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी करना न्यायोचित है या नहीं? अदालत ने इसके लिए वकीलों से अपने सुझाव अदालत में पेश करने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश यूडीएच विभाग में अभियंताओं की वरिष्ठता से जुडे़ मामले में रविन्द्र प्रकाश की याचिका में सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने पात्र होने के बावजूद दिव्यांग को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

सुनवाई के दौरान अदालत ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा से पूछा कि महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी पर बार एसोसिएशन का क्या रुख है?. इस पर प्रहलाद शर्मा ने कहा की महाधिवक्ता की नियुक्ति संवैधानिक तौर पर गवर्नर ही करते हैं. इनकी नियुक्ति नहीं होने से राज्य सरकार की ओर से कोर्ट केसेज में प्रतिनिधित्व सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा आमजन व पक्षकारों को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है. यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे खंडपीठ के समक्ष भेजा जाना चाहिए. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई पांच फरवरी को तय करते हुए वकीलों से इस संबंध में अपने सुझाव पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव बाद नई सरकार के गठन के बाद भी अब तक महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ताओं की नियुक्ति नहीं करने से जुडे़ मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि दो माह का समय बीतने के बाद भी अब तक नियुक्ति नहीं होना ठीक नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने इनकी नियुक्ति के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा पांच फरवरी तक बताने को कहा है.

अदालत ने सवाल खड़ा किया है कि क्या महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी करना न्यायोचित है या नहीं? अदालत ने इसके लिए वकीलों से अपने सुझाव अदालत में पेश करने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश यूडीएच विभाग में अभियंताओं की वरिष्ठता से जुडे़ मामले में रविन्द्र प्रकाश की याचिका में सुनवाई करते हुए दिए.

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सुनवाई के दौरान अदालत ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा से पूछा कि महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी पर बार एसोसिएशन का क्या रुख है?. इस पर प्रहलाद शर्मा ने कहा की महाधिवक्ता की नियुक्ति संवैधानिक तौर पर गवर्नर ही करते हैं. इनकी नियुक्ति नहीं होने से राज्य सरकार की ओर से कोर्ट केसेज में प्रतिनिधित्व सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा आमजन व पक्षकारों को न्याय मिलने में भी देरी हो रही है. यह मामला जनहित से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे खंडपीठ के समक्ष भेजा जाना चाहिए. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई पांच फरवरी को तय करते हुए वकीलों से इस संबंध में अपने सुझाव पेश करने को कहा है.

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