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हाईकोर्ट ने पीड़िता के आग्रह पर व्यवसायी के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म की FIR रद्द की - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक प्रकरण में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया. यह प्राथमिकी टेंट व्यवसायी रवि जिंदल के खिलाफ थी, जिस पर पीड़िता ने हाईकोर्ट से एफआईआर को रद्द करने का आग्रह किया था.

RAJASTHAN HIGH COURT
हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की FIR रद्द की (File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 12, 2024, 9:41 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक प्रकरण में टेंट व्यवसायी रवि जिंदल के खिलाफ विद्याधर नगर थाने में गत 29 अप्रैल को दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा है कि इस मामले में शिकायतकर्ता व पीड़िता ने एफआईआर को रद्द करने का आग्रह किया है. मामले में जांच अधिकारी ने भी पीड़िता के अतिरिक्त बयानों का रिकॉर्ड पेश किया है. ऐसे में आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाता है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश रवि जिंदल व शिकायतकर्ता की याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिया.

सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि पीड़िता ने अपने बयानों में कहा है कि रवि जिंदल ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया है और वह मामले में कोई कार्रवाई भी नहीं चाहती. वहीं, रवि जिंदल ने भी अपनी याचिका में एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई है.

इसे भी पढ़ें : धार्मिक भावनाओं के आधार पर वन भूमि पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं, पांच लाख रुपए का लगा हर्जाना - Rajasthan High Court

दरअसल, शिकायतकर्ता ने विद्याधर नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कर रवि जिंदल पर आरोप लगाया था कि उसने उसकी नाबालिग दोहती के साथ अप्रैल 2024 में दुष्कर्म किया है. वहीं बाद में पॉक्सो कोर्ट में शिकायतकर्ता व पीड़िता ने मामले में जिंदल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं चाहने का प्रार्थना पत्र दायर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिंदल ने पीड़िता के साथ कभी भी छेडछाड, मारपीट व दुष्कर्म नहीं किया. आपसी मनमुटाव के कारण उसने रवि जिंदल पर अपनी दोहिती से दुष्कर्म करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक प्रकरण में टेंट व्यवसायी रवि जिंदल के खिलाफ विद्याधर नगर थाने में गत 29 अप्रैल को दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा है कि इस मामले में शिकायतकर्ता व पीड़िता ने एफआईआर को रद्द करने का आग्रह किया है. मामले में जांच अधिकारी ने भी पीड़िता के अतिरिक्त बयानों का रिकॉर्ड पेश किया है. ऐसे में आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाता है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश रवि जिंदल व शिकायतकर्ता की याचिकाओं को मंजूर करते हुए दिया.

सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आया कि पीड़िता ने अपने बयानों में कहा है कि रवि जिंदल ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया है और वह मामले में कोई कार्रवाई भी नहीं चाहती. वहीं, रवि जिंदल ने भी अपनी याचिका में एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई है.

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दरअसल, शिकायतकर्ता ने विद्याधर नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कर रवि जिंदल पर आरोप लगाया था कि उसने उसकी नाबालिग दोहती के साथ अप्रैल 2024 में दुष्कर्म किया है. वहीं बाद में पॉक्सो कोर्ट में शिकायतकर्ता व पीड़िता ने मामले में जिंदल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं चाहने का प्रार्थना पत्र दायर किया, जिसमें उन्होंने कहा कि जिंदल ने पीड़िता के साथ कभी भी छेडछाड, मारपीट व दुष्कर्म नहीं किया. आपसी मनमुटाव के कारण उसने रवि जिंदल पर अपनी दोहिती से दुष्कर्म करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है.

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