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वाहन दुर्घटना करने पर रोडवेज चालक से वसूली, हाईकोर्ट ने रिकवरी पर लगाई रोक - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने दुर्घटना से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रोडवेज बस के चालक से वसूली पर अंतरिम रोक लगा दी है.

HIGH COURT PUT AN INTERIM STAY,  RECOVERY ROADWAYS BUS DRIVER
हाईकोर्ट ने रिकवरी पर लगाई रोक. (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 26, 2024, 8:16 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएसआरटीसी प्रशासन की ओर से बस चलाने के दौरान दुर्घटना करने के आरोप में चालक से 3.46 लाख रुपए की वसूली करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने रोडवेज एमडी, कार्यकारी निदेशक और अनूपगढ़ डिपो के मुख्य प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि जब दुर्घटना में शामिल दूसरे वाहन के चालक को अदालत ने दोषी माना है तो रोडवेज चालक से वसूली क्यों की जा रही है?. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश कमलेश कुमार मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ डिपो में चालक पद पर रहने के दौरान उसे 19 सितंबर, 2019 को रोडवेज प्रशासन ने यह कहते हुए चार्जशीट दी कि उसने 1 सितंबर 2019 को दुर्घटना कारित की है. इससे रोडवेज प्रशासन को वित्तीय हानि हुई और परिचालक व कुछ यात्री घायल हो गए. रोडवेज प्रशासन ने याचिकाकर्ता को जानकारी दी कि बस को सही कराने में 27.76 लाख रुपए खर्च हुए हैं और इसमें से बीमा राशि के अलावा रोडवेज को 10.48 लाख रुपए वहन करने पडे़.

पढ़ेंः रिटायर कर्मचारी से उपार्जित अवकाश के भुगतान की वसूली, अधिकरण ने लगाई रोक - Rajasthan Civil Service Appellate

वहीं, जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने 17 मई, 2023 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता से 3.46 लाख रुपए की रिकवरी निकाल दी. याचिका में कहा गया कि दुर्घटना होने के बाद उसने संबंधित वाहन के खिलाफ 3 सितंबर, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं, कोर्ट ने उस वाहन चालक को 8 फरवरी, 2021 को दोषी मानकर दंडित किया था. ऐसे में दुर्घटना याचिकाकर्ता की लापरवाही से नहीं हुई थी, इसलिए उससे रिकवरी नहीं की जा सकती. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता से की जा रही रिकवरी पर रोक लगा दी है.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएसआरटीसी प्रशासन की ओर से बस चलाने के दौरान दुर्घटना करने के आरोप में चालक से 3.46 लाख रुपए की वसूली करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने रोडवेज एमडी, कार्यकारी निदेशक और अनूपगढ़ डिपो के मुख्य प्रबंधक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि जब दुर्घटना में शामिल दूसरे वाहन के चालक को अदालत ने दोषी माना है तो रोडवेज चालक से वसूली क्यों की जा रही है?. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश कमलेश कुमार मीणा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ डिपो में चालक पद पर रहने के दौरान उसे 19 सितंबर, 2019 को रोडवेज प्रशासन ने यह कहते हुए चार्जशीट दी कि उसने 1 सितंबर 2019 को दुर्घटना कारित की है. इससे रोडवेज प्रशासन को वित्तीय हानि हुई और परिचालक व कुछ यात्री घायल हो गए. रोडवेज प्रशासन ने याचिकाकर्ता को जानकारी दी कि बस को सही कराने में 27.76 लाख रुपए खर्च हुए हैं और इसमें से बीमा राशि के अलावा रोडवेज को 10.48 लाख रुपए वहन करने पडे़.

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वहीं, जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने 17 मई, 2023 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता से 3.46 लाख रुपए की रिकवरी निकाल दी. याचिका में कहा गया कि दुर्घटना होने के बाद उसने संबंधित वाहन के खिलाफ 3 सितंबर, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वहीं, कोर्ट ने उस वाहन चालक को 8 फरवरी, 2021 को दोषी मानकर दंडित किया था. ऐसे में दुर्घटना याचिकाकर्ता की लापरवाही से नहीं हुई थी, इसलिए उससे रिकवरी नहीं की जा सकती. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ता से की जा रही रिकवरी पर रोक लगा दी है.

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