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काटे जाने वाले पेड़ के 10 गुना पेड़ लगाने पर PIL निस्तारित

राजस्थान हाईकोर्ट ने मल्टी कार्गो के लिए चिह्नित जमीन में पेड़ काटने से जुड़े मामले में दायर याचिका को किया निस्तारित.

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राजस्थान हाईकोर्ट (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर-फुलेरा तहसील में रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत मल्टी कार्गो के लिए चिह्नित की गई जमीन में 617 पेड़ काटने से जुड़े मामले में दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है. अदालत ने कहा कि जितने पेड़ काटे जाने हैं, उसके 10 गुना पेड़ लगाया जाए. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी ने यह आदेश मेरिडियन फाउंडेशन ट्रस्ट की जनहित याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत के सामने आया था कि कंपनी की ओर से इन पेड़ों की काटने की एवज में तीन हजार से अधिक पौधारोपण किया है. याचिका में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत हिरनोदा में मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाया जाना प्रस्तावित है. यह टर्मिनल हस्ती पेट्रो केमिकल एंड शिपिंग लि. की ओर से बनाया जा रहा है. जिस जमीन पर यह टर्मिनल बनाया जाएगा, वहां राज्य वृक्ष खेजड़ी के 565 सहित कुल 617 हरे पेड़ मौजूद हैं. इन्हें हटाने के लिए कंपनी की ओर से सांभरलेक के उपखंड अधिकारी की प्रार्थना पत्र पेश कर अनुमति मांगी गई.

इसे भी पढ़ें - अतिक्रमण हटाने का एक्शन प्लान पेश करो, वरना जेडीसी पेश होकर दें जवाब: राजस्थान हाईकोर्ट

वहीं, गत 4 जुलाई को एडीएम ने इन पेड़ों को काटने की सशर्त अनुमति दे दी. इसमें एक शर्त यह भी थी कि कंपनी काटे गए पेड़ों के बदले दस फीट ऊंचाई के पांच गुणा पेड़ लगाएगी. याचिका में कहा गया कि पेड काटने की अनुमति देने से पहले ऐसा कोई विकल्प नहीं तलाशा गया, जिससे कम से कम पेड़ काटे जा सकते हो. इसके अलावा पेड़ काटने की अनुमति पांच गुणा यानी की 3085 पेड़ लगाने की शर्त पर दी गई थी. जबकि तहसीलदार ने 7 अगस्त को उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से पांच सौ पेड़ लगाने की जान‌कारी दी गई. याचिका में गुहार की गई कि पेड काटने के लिए दी गई एनओसी और प्रशासन की ओर से पेड़ काटने के लिए जारी नीलामी आदेश को रद्द किया जाए.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने सांभर-फुलेरा तहसील में रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत मल्टी कार्गो के लिए चिह्नित की गई जमीन में 617 पेड़ काटने से जुड़े मामले में दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है. अदालत ने कहा कि जितने पेड़ काटे जाने हैं, उसके 10 गुना पेड़ लगाया जाए. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी ने यह आदेश मेरिडियन फाउंडेशन ट्रस्ट की जनहित याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान पूर्व में अदालत के सामने आया था कि कंपनी की ओर से इन पेड़ों की काटने की एवज में तीन हजार से अधिक पौधारोपण किया है. याचिका में अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने बताया कि रेलवे की गति शक्ति योजना के तहत हिरनोदा में मल्टी कार्गो टर्मिनल बनाया जाना प्रस्तावित है. यह टर्मिनल हस्ती पेट्रो केमिकल एंड शिपिंग लि. की ओर से बनाया जा रहा है. जिस जमीन पर यह टर्मिनल बनाया जाएगा, वहां राज्य वृक्ष खेजड़ी के 565 सहित कुल 617 हरे पेड़ मौजूद हैं. इन्हें हटाने के लिए कंपनी की ओर से सांभरलेक के उपखंड अधिकारी की प्रार्थना पत्र पेश कर अनुमति मांगी गई.

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वहीं, गत 4 जुलाई को एडीएम ने इन पेड़ों को काटने की सशर्त अनुमति दे दी. इसमें एक शर्त यह भी थी कि कंपनी काटे गए पेड़ों के बदले दस फीट ऊंचाई के पांच गुणा पेड़ लगाएगी. याचिका में कहा गया कि पेड काटने की अनुमति देने से पहले ऐसा कोई विकल्प नहीं तलाशा गया, जिससे कम से कम पेड़ काटे जा सकते हो. इसके अलावा पेड़ काटने की अनुमति पांच गुणा यानी की 3085 पेड़ लगाने की शर्त पर दी गई थी. जबकि तहसीलदार ने 7 अगस्त को उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से पांच सौ पेड़ लगाने की जान‌कारी दी गई. याचिका में गुहार की गई कि पेड काटने के लिए दी गई एनओसी और प्रशासन की ओर से पेड़ काटने के लिए जारी नीलामी आदेश को रद्द किया जाए.

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