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हाईकोर्ट ने दिए बाहरी कॉलेज से एमबीबीएस करने वालों को काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश - बाहरी कॉलेज से एमबीबीएस

राजस्थान हाईकोर्ट ने बाहरी कॉलेज से एमबीबीएस करने वालों को काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court,  MBBS candidates
राजस्थान हाईकोर्ट.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 20, 2024, 8:13 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे छह माह के पीसीपीएनडीटी कोर्स के लिए नीट पीजी-2023 की काउंसलिंग में शामिल करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव और नीट पीजी काउंसलिंग बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. जगमोहन शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अभ्यर्थी को केवल प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने के आधार पर काउंसलिंग से वंचित कैसे किया गया?. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने ग्वालियर से एमबीबीएस किया था और वह जूनियर रेजिडेंट हैं. राज्य सरकार व नीट पीजी बोर्ड ने 29 दिसंबर 2023 को संशोधन आदेश जारी कर कहा कि छह महीने के पीसीपीएनडीटी कोर्स करने के लिए राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले ही योग्य हैं. साथ ही बाहर से एमबीबीएस करने वालों को इसके लिए पात्र नहीं माना गया.

पढ़ेंः आदेश की पालना कराएं या पेश होकर जवाब दें मुख्य सचिव- राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि इस शर्त के चलते याचिकाकर्ता को नीट पीजी की काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वह कोर्स को करने की पात्रता रखता है और केवल प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने के आधार पर उसे कोर्स में शामिल नहीं करना मनमाना है. इसलिए उसे पीसीपीएनडीटी कोर्स की काउंसलिंग में शामिल किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे छह माह के पीसीपीएनडीटी कोर्स के लिए नीट पीजी-2023 की काउंसलिंग में शामिल करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव और नीट पीजी काउंसलिंग बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. जगमोहन शर्मा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अभ्यर्थी को केवल प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने के आधार पर काउंसलिंग से वंचित कैसे किया गया?. याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने ग्वालियर से एमबीबीएस किया था और वह जूनियर रेजिडेंट हैं. राज्य सरकार व नीट पीजी बोर्ड ने 29 दिसंबर 2023 को संशोधन आदेश जारी कर कहा कि छह महीने के पीसीपीएनडीटी कोर्स करने के लिए राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले ही योग्य हैं. साथ ही बाहर से एमबीबीएस करने वालों को इसके लिए पात्र नहीं माना गया.

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याचिका में कहा गया कि इस शर्त के चलते याचिकाकर्ता को नीट पीजी की काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वह कोर्स को करने की पात्रता रखता है और केवल प्रदेश के बाहर से एमबीबीएस करने के आधार पर उसे कोर्स में शामिल नहीं करना मनमाना है. इसलिए उसे पीसीपीएनडीटी कोर्स की काउंसलिंग में शामिल किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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