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हाईकोर्ट ने दिए थे निर्देश, अब अभ्यावेदन के निस्तारण को लेकर जल्द बन सकता है 'तंत्र' - Rajasthan High Court

Bhajanlal Government on HC Order, 'तंत्र' को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश पर भजनलाल सरकार ने कहा है कि ऐसा तंत्र विकसित करने पर विचार कर रहे हैं. अभ्यावेदन के निस्तारण को लेकर जल्द प्रदेश में तंत्र बन सकता है. यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 9:05 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को एक याचिका में संज्ञान लेते हुए निर्देश दिए थे कि आमतौर पर जयपुर व जोधपुर हाईकोर्ट में कई मामलो में परिवादी को अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश के साथ याचिकाओं को निस्तारण किया जाता है. परिवादी अभ्यावेदन भी पेश करते हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा उन अभ्यावेदन को या तो उचित तरीके से या फिर विधि सम्मत तरीके से निस्तारित नहीं किया जाता है. जिसकी वजह से दुबारा याचिकाए पेश करनी पड़ती है.

इस मामले में कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद जस्टिस फरजंद अली की कोर्ट में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने आश्वासन दिया था कि इस मामले को सरकार की ध्यान में लाया जाएगा. कोर्ट के निर्देश पर महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया था कि मुख्य सचिव तथा अन्य अधिकारियों से चर्चा करेंगे तथा विचार-विमर्श के पश्चात परिणामों से कोर्ट को अवगत करवाया जाएगा. इस मामले में कोर्ट की भावना है कि यदि राज्य द्वारा न्यायालय के निर्देशन में प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदनों से निपटने के लिए ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा, तो इससे समय की बचत होगी और न्यायालयों के सुचारू संचालन में बहुत मदद मिलेगी तथा असंतुष्ट वादियों के दुख को भी कम किया जा सकेगा.

पढे़ं : स्कूल व्याख्याता भर्ती 2022: हाईकोर्ट ने खाली रहे पदों को वेटिंग लिस्ट से नहीं भरने पर मांगा जवाब - RPSC School Lecturer Bharti 2022

इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर विश्नोई ने पैरवी करते हुए कहा कि मुख्य सचिव एवं अधिकारियों से चर्चा हो रही है, जल्द ही इसको लेकर सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को एक याचिका में संज्ञान लेते हुए निर्देश दिए थे कि आमतौर पर जयपुर व जोधपुर हाईकोर्ट में कई मामलो में परिवादी को अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश के साथ याचिकाओं को निस्तारण किया जाता है. परिवादी अभ्यावेदन भी पेश करते हैं, लेकिन अधिकारियों द्वारा उन अभ्यावेदन को या तो उचित तरीके से या फिर विधि सम्मत तरीके से निस्तारित नहीं किया जाता है. जिसकी वजह से दुबारा याचिकाए पेश करनी पड़ती है.

इस मामले में कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद जस्टिस फरजंद अली की कोर्ट में महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने आश्वासन दिया था कि इस मामले को सरकार की ध्यान में लाया जाएगा. कोर्ट के निर्देश पर महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया था कि मुख्य सचिव तथा अन्य अधिकारियों से चर्चा करेंगे तथा विचार-विमर्श के पश्चात परिणामों से कोर्ट को अवगत करवाया जाएगा. इस मामले में कोर्ट की भावना है कि यदि राज्य द्वारा न्यायालय के निर्देशन में प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदनों से निपटने के लिए ऐसा तंत्र विकसित किया जाएगा, तो इससे समय की बचत होगी और न्यायालयों के सुचारू संचालन में बहुत मदद मिलेगी तथा असंतुष्ट वादियों के दुख को भी कम किया जा सकेगा.

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इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर विश्नोई ने पैरवी करते हुए कहा कि मुख्य सचिव एवं अधिकारियों से चर्चा हो रही है, जल्द ही इसको लेकर सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे.

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