जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम शिक्षक भर्ती-2022 में एमबीसी के विधवा कोटे में नियुक्ति नहीं देने पर अवमानना नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट और डीईओ करौली पुष्पेंद्र शर्मा सहित अन्य को जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. हाईकोर्ट की नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश प्रियंका की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में आवेदन किया था. एमबीसी की विधवा कोटे में उसका चयन हो गया और उसे नियुक्ति के लिए करौली जिला आवंटित हो गया. वहीं, बाद में उसे कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसने विधवा कोटे में आवेदन किया है, लेकिन उसके आधार कार्ड में पति की जगह पिता का नाम है.
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इसे चुनौती देने पर अदालत ने गत 20 अक्टूबर को याचिकाकर्ता को पदभार ग्रहण कराने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी उसे पदभार ग्रहण नहीं कराया गया. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर उसे पदभार ग्रहण कराने और दोषी अफसरों को दंडित करने की गुहार की. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.