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अदालती आदेश के बाद भी विधवा को नियुक्ति नहीं, हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस किए जारी - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर शिक्षा सचिव समेत अन्य अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है.

COURT ISSUED CONTEMPT NOTICE,  NOTICE TO EDUCATION SECRETARY
राजस्थान हाईकोर्ट. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 13, 2024, 8:46 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम शिक्षक भर्ती-2022 में एमबीसी के विधवा कोटे में नियुक्ति नहीं देने पर अवमानना नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट और डीईओ करौली पुष्पेंद्र शर्मा सहित अन्य को जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. हाईकोर्ट की नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश प्रियंका की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में आवेदन किया था. एमबीसी की विधवा कोटे में उसका चयन हो गया और उसे नियुक्ति के लिए करौली जिला आवंटित हो गया. वहीं, बाद में उसे कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसने विधवा कोटे में आवेदन किया है, लेकिन उसके आधार कार्ड में पति की जगह पिता का नाम है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर को जारी किया अवमानना नोटिस - Rajasthan High Court

इसे चुनौती देने पर अदालत ने गत 20 अक्टूबर को याचिकाकर्ता को पदभार ग्रहण कराने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी उसे पदभार ग्रहण नहीं कराया गया. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर उसे पदभार ग्रहण कराने और दोषी अफसरों को दंडित करने की गुहार की. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी तृतीय श्रेणी लेवल प्रथम शिक्षक भर्ती-2022 में एमबीसी के विधवा कोटे में नियुक्ति नहीं देने पर अवमानना नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट और डीईओ करौली पुष्पेंद्र शर्मा सहित अन्य को जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. हाईकोर्ट की नरेंद्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश प्रियंका की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में आवेदन किया था. एमबीसी की विधवा कोटे में उसका चयन हो गया और उसे नियुक्ति के लिए करौली जिला आवंटित हो गया. वहीं, बाद में उसे कहते हुए नियुक्ति नहीं दी कि उसने विधवा कोटे में आवेदन किया है, लेकिन उसके आधार कार्ड में पति की जगह पिता का नाम है.

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इसे चुनौती देने पर अदालत ने गत 20 अक्टूबर को याचिकाकर्ता को पदभार ग्रहण कराने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी उसे पदभार ग्रहण नहीं कराया गया. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर उसे पदभार ग्रहण कराने और दोषी अफसरों को दंडित करने की गुहार की. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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