जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा- 2023 में महिला अभ्यर्थी की ऊंचाई गलत रूप से कम नापने को गंभीर मानते हुए पुलिस विभाग पर एक लाख रुपए हर्जाना लगाया है. विभाग को निर्देश भी दिया है कि वह एक महीने में हर्जाना राशि फरियादी महिला को भुगतान करे.
अदालत ने कहा कि एम्स जोधपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से साबित है कि प्रार्थिया की ऊंचाई 152.3 सेमी है और पुलिस ने पीएसटी टेस्ट में उसकी ऊंचाई 152 सेमी से कम नापी थी. प्रार्थिया ने अपनी ऊंचाई दुबारा मेडिकल बोर्ड से नपवाई, जिसमें उसकी ऊंचाई ज्यादा आई है. ऐसे में प्रार्थिया को बिना किसी कारण चयन प्रक्रिया से वंचित किया गया और उसे बिना किसी कारण हाईकोर्ट आना पड़ा. अब विभाग उसे हर्जाने के तौर पर एक लाख रुपए दे. जस्टिस जीआर मीना ने ये आदेश हरियाणा की नारनौल तहसील निवासी सपना की याचिका पर दिया.
याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी व आमिर खान ने बताया कि प्रार्थिया ने कांस्टेबल भर्ती में सीआईडी जयपुर के लिए आवेदन किया था. गत वर्ष 27 दिसंबर को उसका फिजिकल टेस्ट हुआ और उसकी ऊंचाई कम नापी गई. इस पर उसने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए आवेदन किया कि उसकी ऊंचाई की नाप दुबारा कराई जाए और यदि उसकी ऊंचाई 152 सेमी से कम आए तो वह हर्जाने के तौर पर 25 हजार रुपए जमा कराने के लिए तैयार है. इस पर प्रार्थिया की अंडरटेकिंग के बाद हाईकोर्ट ने एम्स जोधपुर के मेडिकल बोर्ड से उसकी ऊंचाई की नाप करवाने के लिए कहा था, जहां एम्स जोधपुर ने उसकी ऊंचाई 152.3 सेमी नापते हुए हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की. अदालत ने विभाग की गलती मानते हुए उस पर एक लाख रुपए हर्जाना लगाया.