जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय के रिटायर कर्मचारी को पेंशन परिलाभ का भुगतान के लिए विवि की ओर से राज्य सरकार को भेजे अनुमोदन पर कार्रवाई नहीं करने से जुडे़ मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को पक्षकार बनाने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से संयुक्त उच्च शिक्षा सचिव की उपस्थिति से छूट के लिए पेश प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया है. जस्टिस समीर जैन ने यह ओदश मोहनलाल गुप्ता की याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान एएजी भुवनेश शर्मा ने कहा कि अदालत ने संयुक्त उच्च शिक्षा सचिव को बुलाया था, लेकिन वे सामाजिक कार्यक्रम के लिए शहर से बाहर गए हुए हैं. ऐसे में उन्हें उपस्थिति से छूट दी जाए. इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से याचिकाकर्ता के पेंशन परिलाभ से जुडे़ दस्तावेज पेश किए गए. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 13 मार्च तक टालते हुए याचिकाकर्ता को कहा कि वे प्रकरण में राज्य सरकार को पक्षकार बनाए.
याचिका में कहा गया है कि वह राजस्थान विवि से 2017 में क्लर्क पद से रिटायर हुआ था. विवि ने उसे अब तक पेंशन परिलाभ का भुगतान नहीं किया. वहीं, विवि से पता चला कि उन्होंने उसके पेंशन परिलाभ का मामला राज्य सरकार के पास अनुमोदित होने के लिए भेजा है और वहीं पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसे पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य परिलाभ दिलवाने का आग्रह किया.