जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद भी रिटायर कर्मचारी को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं देने पर अतिरिक्त मुख्य राजस्व सचिव अपर्णा अरोड़ा, राजस्व मंडल, अजमेर के रजिस्ट्रार महावीर प्रसाद शर्मा सहित अन्य संबंधित अफसरों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि अदालती आदेश की अवमानना करने पर क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. जस्टिस अवनीश झिंगन और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश आरसी गुप्ता की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
अवमानना याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता राजस्व विभाग से निरीक्षक राजस्व लेखा पद से 30 जून 2013 को रिटायर हुआ. उसे एक जुलाई को होने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया, जिस पर उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने रिवाइज्ड वेतन स्केल नियम 2008 और 2017 के जरिए प्रदेश के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि में एकरूपता के लिए सालाना वेतन वृद्धि की तारीख एक जुलाई तय की है. इस कारण जो कर्मचारी एक दिन पहले यानि 30 जून को रिटायर हो जाते हैं, उन्हें एक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलता, जबकि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि जिस कर्मचारी ने रिटायर होने से पूर्व एक साल तक काम किया है, उसे उस साल की वार्षिक वेतन वृद्धि मिलेगी. ऐसे में उन्हें भी यह लाभ दिया जाए.
खंडपीठ ने अक्टूबर 2023 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को एक वार्षिक वेतन वृद्धि सहित अन्य सेवा परिलाभ देने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी राज्य सरकार व संबंधित विभाग ने अदालती आदेश का पालन नहीं किया, जिसे याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए आदेश का पालन करवाने का आग्रह किया है. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अवमाननाकर्ता अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.