जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने सौ वर्ग गज से कम आकार की संपत्ति पर यूडी टैक्स का नोटिस रिश्तेदार के नाम जारी कर संपत्ति को सील करने की कार्रवाई को अवैध करार दिया है. अदालत ने सील को तत्काल हटाने का आदेश दिया है. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने सैनी स्टोन बिल्डिंग मटेरियल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि भरतपुर नगर निगम ने 11 सितंबर को याचिकाकर्ता की संपत्ति को यूडी टैक्स जमा नहीं कराने के आधार पर सील कर दिया. उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता फर्म का प्रोपराइटर हरेन्द्र सैनी है, लेकिन नोटिस उसके नाम पर जारी करने के बजाय रिश्तेदार राम गोपाल सैनी के नाम पर भेजा गया.
याचिका में यह भी बताया गया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत टैक्स वसूली की विस्तृत प्रक्रिया होती है, जिसमें संबंधित पक्ष को वैध नोटिस देना शामिल है. इस प्रक्रिया का पालन किए बिना संपत्ति को सील करना नियमों का उल्लंघन है.
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इसके अतिरिक्त, याचिका में उल्लेख किया गया कि अधिनियम की धारा 104 के तहत तीन सौ वर्ग गज तक की संपत्तियां यूडी टैक्स से मुक्त होती हैं. याचिकाकर्ता की संपत्ति का आकार मात्र सौ वर्ग गज से भी कम है. इसके बावजूद टैक्स बकाया बताकर संपत्ति सील करने की कार्रवाई की गई. खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए नगर निगम की कार्रवाई को अवैध घोषित किया और संपत्ति पर लगी सील को तत्काल हटाने के निर्देश दिए.