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हाईकोर्ट ने पूछा, आईओसीएल का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट आबादी क्षेत्र से बाहर कब होगा शिफ्ट ? - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से पूछा है कि आईओसीएल का एलपीजी बॉटलिंग प्लांट आबादी से बाहर कब तक शिफ्ट होगा.

IOCL LPG BOTTLING PLANT,  COURT ASKED CENTRAL GOVERNMENT
राजस्थान हाईकोर्ट का निर्देश. (ETV Bharat gfx)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 26, 2024, 10:22 PM IST

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से पूछा है कि जयपुर के सीतापुरा स्थित आईओसीएल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट को पूर्व में चिह्नित जगह पर कब तक शिफ्ट करेंगे. साथ ही इसके लिए उनकी क्या योजना है?. वहीं मामले में केन्द्र व राज्य सरकार सहित आईओसीएल से जवाब देने के लिए कहा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश ओमप्रकाश टांक की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने सांगानेर पुलिस को भी निर्देश दिए हैं कि आईओसीएल परिसर के बाहर गैस के टैंकर व सिलेंडर भरे वाहनों की अवैध तौर पर पार्किंग नही होने दें.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने कहा कि साल 2009 में आईओसीएल के फ्यूल ऑयल स्टोरेज प्लांट में लगी आग में 12 लोगों की मौत हुई थी. डिपो की आग एक सप्ताह धधकती रही और प्रशासन देखता रहा, लेकिन इस हादसे के बाद भी कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए. राज्य सरकार की जांच कमेटी ने 2011 की रिपोर्ट में माना था कि आईओसीएल के सीतापुरा स्थित घरेलू गैस के बॉटलिंग प्लांट को जगतपुरा व सीतापुरा में आबादी विस्तार को देखते हुए शहर से बाहर भेजना चाहिए.

पढ़ेंः IOCL पाइपलाइन में सेंधमारी कर क्रूड ऑयल चोरी करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार - Crude Oil Theft Case

पीआईएल में कहा कि 1996 में यहां पर आबादी नहीं थी और इसलिए ही जयपुर से 30 किमी दूर इस जगह पर बॉटलिंग प्लांट बना. इस प्लांट में जामनगर लूणी गैस पाइप लाइन से एलपीजी उच्च दबाव पर सप्लाई होती है. इसके ऊपर ही महात्मा गांधी अस्पताल, पूर्णिमा कॉलेज राजस्थान फार्मेसी कौंसिल सहित अनेक शैक्षणिक संस्थान बन गए हैं. प्लांट की बाउंड्री के पास ही कई मल्टीस्टोरी व फ्लैट्स भी बन गए हैं और एचपी का एक पेट्रोल पंप भी चल रहा है, इसलिए बॉटलिंग प्लांट को शहर से बाहर भेजा जाए.

जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से पूछा है कि जयपुर के सीतापुरा स्थित आईओसीएल के एलपीजी बॉटलिंग प्लांट को पूर्व में चिह्नित जगह पर कब तक शिफ्ट करेंगे. साथ ही इसके लिए उनकी क्या योजना है?. वहीं मामले में केन्द्र व राज्य सरकार सहित आईओसीएल से जवाब देने के लिए कहा है. सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश ओमप्रकाश टांक की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने सांगानेर पुलिस को भी निर्देश दिए हैं कि आईओसीएल परिसर के बाहर गैस के टैंकर व सिलेंडर भरे वाहनों की अवैध तौर पर पार्किंग नही होने दें.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने कहा कि साल 2009 में आईओसीएल के फ्यूल ऑयल स्टोरेज प्लांट में लगी आग में 12 लोगों की मौत हुई थी. डिपो की आग एक सप्ताह धधकती रही और प्रशासन देखता रहा, लेकिन इस हादसे के बाद भी कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए. राज्य सरकार की जांच कमेटी ने 2011 की रिपोर्ट में माना था कि आईओसीएल के सीतापुरा स्थित घरेलू गैस के बॉटलिंग प्लांट को जगतपुरा व सीतापुरा में आबादी विस्तार को देखते हुए शहर से बाहर भेजना चाहिए.

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पीआईएल में कहा कि 1996 में यहां पर आबादी नहीं थी और इसलिए ही जयपुर से 30 किमी दूर इस जगह पर बॉटलिंग प्लांट बना. इस प्लांट में जामनगर लूणी गैस पाइप लाइन से एलपीजी उच्च दबाव पर सप्लाई होती है. इसके ऊपर ही महात्मा गांधी अस्पताल, पूर्णिमा कॉलेज राजस्थान फार्मेसी कौंसिल सहित अनेक शैक्षणिक संस्थान बन गए हैं. प्लांट की बाउंड्री के पास ही कई मल्टीस्टोरी व फ्लैट्स भी बन गए हैं और एचपी का एक पेट्रोल पंप भी चल रहा है, इसलिए बॉटलिंग प्लांट को शहर से बाहर भेजा जाए.

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