जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जल जीवन मिशन के टेंडर घोटाले से जुडे़ मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र पेश करने के लिए चार अप्रैल तक का समय दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की याचिका पर दिए. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल के सहयोगी वकील ने कहा कि एएजी अस्पताल में भर्ती है. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 4 अप्रैल तक टाल दी.
जनहित याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने अदालत को बताया कि श्रीगणपति ट्यूबवेल और श्रीश्याम कृपा ट्यूबवेल कम्पनी ने भारत सरकार के उपक्रम इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र पेश कर जल जीवन मिशन में करीब 900 करोड रुपए के टेंडर का भुगतान ले लिया. वहीं बाद में प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए.
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इस पर इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी गई, लेकिन राज्य सरकार ने मामले में कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की. याचिकाकर्ता संस्था की ओर से पुलिस और एसीबी को कई बार लिखित में शिकायत कर कार्रवाई का आग्रह किया, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. अदालत ने पूर्व में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी शपथ पत्र के जरिए पेश करने को कहा था.