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समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष व महारानी कॉलेज प्रिंसिपल के निलंबन पर रोक - Ban On Suspension

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीसी के 1 मार्च, 2024 के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि प्रार्थियों का निलंबन आदेश व राष्ट्रीय एसटी आयोग के निर्देश 2024 में हुए हैं. जबकि यह मामला छात्र संघ चुनाव 2022 से जुड़ा हुआ है.

Rajasthan High Court
प्रिंसिपल के निलंबन पर रोक (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 1, 2024, 10:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीसी के 1 मार्च, 2024 के उस आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है, जिसमें 2022 की व्याख्या समिति के सदस्य रहे प्रार्थी समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष सोहनलाल शर्मा व महारानी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर निमाली सिंह परमार को निलंबित कर दिया था. अदालत ने कहा कि प्रार्थियों का निलंबन आदेश व राष्ट्रीय एसटी आयोग के निर्देश 2024 में हुए हैं. जबकि यह मामला छात्र संघ चुनाव 2022 से जुड़ा हुआ है. आयोग को केवल सिफारिश करने का अधिकार है न कि वो निर्देश दे.

वहीं, मामले में निलंबन आदेश को केवल प्रार्थियों तक ही सीमित रखा गया है और प्रथम दृष्टया यह आदेश अप्रभावी माना जा सकता है, क्योंकि यह दो साल की देरी से जारी किया है. ऐसे में प्रार्थियों के निलंबन आदेश एक मार्च 2024 की क्रियांविति पर रोक लगाया जाना उचित होगा. जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश प्रार्थियों की याचिका पर दिया.

इसे भी पढ़ें - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एनएमसी पर 50 हजार रुपए का लगाया हर्जाना - Rajasthan High Court

आपको बता दें कि महारानी कॉलेज की प्रो. निमाली सिंह की प्रिंसिपल की नियुक्ति पर भी काफी विवाद हुआ था. कॉलेज में पिछले वरिष्ठता के आधार पर प्रिंसिपल की नियुक्ति की जाती रही है, लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए उनकी नियुक्ति की गई थी. वरिष्ठता के आधार पर सुनीता अग्रवाल को प्रिंसिपल बनाया जाना था, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. प्रो. सिंह कई प्रोफेसर्स से जूनियर हैं. ऐसे में जूनियर प्रोफेसर को प्रिंसिपल बनाए जाने पर तत्कालीन कुलपति पर भी तरफदारी के आरोप लगे थे. यही नहीं प्रो. निमाली सिंह पर फाइनेंशियल इररेगुलरिटी की शिकायतें भी दर्ज हो चुकी हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीसी के 1 मार्च, 2024 के उस आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है, जिसमें 2022 की व्याख्या समिति के सदस्य रहे प्रार्थी समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष सोहनलाल शर्मा व महारानी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर निमाली सिंह परमार को निलंबित कर दिया था. अदालत ने कहा कि प्रार्थियों का निलंबन आदेश व राष्ट्रीय एसटी आयोग के निर्देश 2024 में हुए हैं. जबकि यह मामला छात्र संघ चुनाव 2022 से जुड़ा हुआ है. आयोग को केवल सिफारिश करने का अधिकार है न कि वो निर्देश दे.

वहीं, मामले में निलंबन आदेश को केवल प्रार्थियों तक ही सीमित रखा गया है और प्रथम दृष्टया यह आदेश अप्रभावी माना जा सकता है, क्योंकि यह दो साल की देरी से जारी किया है. ऐसे में प्रार्थियों के निलंबन आदेश एक मार्च 2024 की क्रियांविति पर रोक लगाया जाना उचित होगा. जस्टिस समीर जैन ने यह निर्देश प्रार्थियों की याचिका पर दिया.

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आपको बता दें कि महारानी कॉलेज की प्रो. निमाली सिंह की प्रिंसिपल की नियुक्ति पर भी काफी विवाद हुआ था. कॉलेज में पिछले वरिष्ठता के आधार पर प्रिंसिपल की नियुक्ति की जाती रही है, लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए उनकी नियुक्ति की गई थी. वरिष्ठता के आधार पर सुनीता अग्रवाल को प्रिंसिपल बनाया जाना था, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. प्रो. सिंह कई प्रोफेसर्स से जूनियर हैं. ऐसे में जूनियर प्रोफेसर को प्रिंसिपल बनाए जाने पर तत्कालीन कुलपति पर भी तरफदारी के आरोप लगे थे. यही नहीं प्रो. निमाली सिंह पर फाइनेंशियल इररेगुलरिटी की शिकायतें भी दर्ज हो चुकी हैं.

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