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चालान राशि की गणना वाहन के पंजीकरण की तिथि से क्यों- हाईकोर्ट

Rajasthan High Court राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग से पूछा है कि चालान राशि की गणना वाहन के पंजीकरण की तिथि से क्यों किया गया है?.

Rajasthan High Court,  Transport Department
राजस्थान हाईकोर्ट.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 9:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग से पूछा है कि कोटपूतली डीटीओ की ओर से किए गए चालान राशि की गणना प्रदेश में वाहन के एंट्री करने के बजाए उसके पंजीकरण की तिथि से कैसे किया गया है?. जस्टिस अविनाश झींगन और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश विजयपाल की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस संबंध में परिवहन विभाग में लंबित अपने प्रार्थना पत्र के निस्तारण के लिए कार्रवाई कर सकता है. याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की बस का फरवरी 2023 में हरियाणा में पंजीकृत हुई थी. वहीं, दिसंबर माह में बस को बिना रोड टैक्स दिए राजस्थान में प्रवेश करने के आधार पर जब्त कर लिया गया.

पढ़ेंः रोडवेज कर्मचारियों के चयनित वेतनमान मामले का एक महीने में करें निपटारा : हाईकोर्ट

इस दौरान याचिकाकर्ता को डीटीओ कोटपूतली का 15 हजार 600 रुपए का ऑनलाइन चालान का मैसेज आया. याचिकाकर्ता ने यह राशि जमा कराने के लिए विभाग में संपर्क किया. विभाग में उसे कहा गया कि वाहन पंजीकरण होने की तिथि से लेकर 31 दिसंबर, 2023 की अवधि का राजस्थान में रहने का टैक्स जमा कराने पर ही वाहन को रिलीज किया जाएगा. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का अपराध अधिक से अधिक बिना परमिट राजस्थान में बस लाने का है. ऐसे में उसे उस समय के लिए ही पेनल्टी लगाई जा सकती है. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में विभाग के समक्ष अभ्यावेदन भी पेश किए, लेकिन विभाग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में परिवहन विभाग की ओर से वाहन को जब्त करने की कार्रवाई को अवैध घोषित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने परिवहन विभाग से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग से पूछा है कि कोटपूतली डीटीओ की ओर से किए गए चालान राशि की गणना प्रदेश में वाहन के एंट्री करने के बजाए उसके पंजीकरण की तिथि से कैसे किया गया है?. जस्टिस अविनाश झींगन और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश विजयपाल की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस संबंध में परिवहन विभाग में लंबित अपने प्रार्थना पत्र के निस्तारण के लिए कार्रवाई कर सकता है. याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की बस का फरवरी 2023 में हरियाणा में पंजीकृत हुई थी. वहीं, दिसंबर माह में बस को बिना रोड टैक्स दिए राजस्थान में प्रवेश करने के आधार पर जब्त कर लिया गया.

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इस दौरान याचिकाकर्ता को डीटीओ कोटपूतली का 15 हजार 600 रुपए का ऑनलाइन चालान का मैसेज आया. याचिकाकर्ता ने यह राशि जमा कराने के लिए विभाग में संपर्क किया. विभाग में उसे कहा गया कि वाहन पंजीकरण होने की तिथि से लेकर 31 दिसंबर, 2023 की अवधि का राजस्थान में रहने का टैक्स जमा कराने पर ही वाहन को रिलीज किया जाएगा. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का अपराध अधिक से अधिक बिना परमिट राजस्थान में बस लाने का है. ऐसे में उसे उस समय के लिए ही पेनल्टी लगाई जा सकती है. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में विभाग के समक्ष अभ्यावेदन भी पेश किए, लेकिन विभाग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में परिवहन विभाग की ओर से वाहन को जब्त करने की कार्रवाई को अवैध घोषित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने परिवहन विभाग से जवाब तलब किया है.

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