ETV Bharat / state

एसीएस गृह पेश होकर बताएं एफएसएल में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए क्या है एक्शन प्लान- हाईकोर्ट - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस गृह से पूछा है कि लंबित एफएसएल और डीएनए मामलों के निस्तारण के लिए क्या कर रहे हैं.

HIGH COURT ASKED ACS,  ACS HOME TO APPEAR IN COURT
राजस्थान हाईकोर्ट .
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 22, 2024, 8:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को 15 अप्रैल को पेश होकर बताने को कहा है कि विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में लंबित करीब 22 हजार एफएसएल और डीएनए मामलों के निस्तारण के लिए क्या किया जा रहा है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश विनोद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने एसीएस को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि कितने समय में एफएसएल से रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट को मिल जानी चाहिए और खाली चल रहे पदों को कब तक भरा जाएगा.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में एफएसएल निदेशक डॉ. अजय शर्मा अदालत में पेश हुए. अदालत के पूछने पर उन्होंने बताया कि एफएसएल और डीएनए के कुल करीब 22 हजार मामले लंबित चल रहे हैं. पूर्व में एक विधि विज्ञान प्रयोगशाला संचालित की जा रही थी, लेकिन अब अदालती आदेश की पालना में चार प्रयोगशालाओं में सैंपल जांचे जा रहे हैं. निदेशक ने बताया कि प्रयोगशालाओं में संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन खाली पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के कारण समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है.

पढ़ेंः एफएसएल निदेशक बताएं कि रिपोर्ट आने में क्यों हो रही है देरी-हाईकोर्ट - Rajasthan High Court

इस पर अदालत ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को पेश होकर इस संबंध में जानकारी देने को कहा है. याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सवाई माधोपुर के खंडार पुलिस थाने में अगस्त, 2023 में पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में न तो एफएसएल रिपोर्ट आई है और न ही मेडिकल बोर्ड ने अपना अंतिम नतीजा दिया है. इसके बावजूद दोनों रिपोर्ट आए बिना ही पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया है. निचली अदालत ने भी आरोप पत्र पेश होने के बाद ट्रायल शुरू कर दी है. ट्रायल के दौरान पीड़िता ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं होने की बात कही है. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को 15 अप्रैल को पेश होकर बताने को कहा है कि विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं में लंबित करीब 22 हजार एफएसएल और डीएनए मामलों के निस्तारण के लिए क्या किया जा रहा है. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश विनोद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने एसीएस को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि कितने समय में एफएसएल से रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट को मिल जानी चाहिए और खाली चल रहे पदों को कब तक भरा जाएगा.

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में एफएसएल निदेशक डॉ. अजय शर्मा अदालत में पेश हुए. अदालत के पूछने पर उन्होंने बताया कि एफएसएल और डीएनए के कुल करीब 22 हजार मामले लंबित चल रहे हैं. पूर्व में एक विधि विज्ञान प्रयोगशाला संचालित की जा रही थी, लेकिन अब अदालती आदेश की पालना में चार प्रयोगशालाओं में सैंपल जांचे जा रहे हैं. निदेशक ने बताया कि प्रयोगशालाओं में संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन खाली पदों पर नियुक्तियां नहीं होने के कारण समय पर जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है.

पढ़ेंः एफएसएल निदेशक बताएं कि रिपोर्ट आने में क्यों हो रही है देरी-हाईकोर्ट - Rajasthan High Court

इस पर अदालत ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को पेश होकर इस संबंध में जानकारी देने को कहा है. याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ सवाई माधोपुर के खंडार पुलिस थाने में अगस्त, 2023 में पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में न तो एफएसएल रिपोर्ट आई है और न ही मेडिकल बोर्ड ने अपना अंतिम नतीजा दिया है. इसके बावजूद दोनों रिपोर्ट आए बिना ही पुलिस ने उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया है. निचली अदालत ने भी आरोप पत्र पेश होने के बाद ट्रायल शुरू कर दी है. ट्रायल के दौरान पीड़िता ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं होने की बात कही है. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.