अलवर : प्रदेश में पर्यटन हब के रूप में खास पहचान रखने वाले अलवर को अब एक और पर्यटन स्थल मिलने जा रहा है. यहां पर्यटक ऐतिहासिक हथियारों से रूबरू होंगे. वेपन म्यूजियम के शुरू होने से अलवर में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के आसार हैं. इससे पर्यटन जगत में अलवर की ख्याति और भी बढ़ जाएगी. अरावली की पहाड़ियों में स्थित बाला किला पर वेपन म्यूजियम बनकर तैयार है. इस वेपन म्यूजियम को तैयार करने में करीब 50 लाख रुपए का खर्च आया है. वहीं, अब जल्द ही इस वेपन म्यूजियम को नगर विकास न्यास पुरातत्व विभाग को सौंपेगा.
अरावली की वादियों में स्थित बाला किले पर वेपन म्यूजियम का कार्य बीते साल तत्कालीन कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी की पहल पर यूआईटी द्वारा शुरू किया गया था. इसमें 1940 से 1950 तक के हथियार प्रदर्शित किए गए हैं. वर्तमान में इस म्यूजियम की देखभाल नगर विकास न्यास कर रहा है, लेकिन अब जल्द ही इसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाएगा.
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : प्रदेश का पहला वेपन म्यूजियम गत अप्रैल माह में बनकर तैयार हो गया था. उसके बाद से बाला किला में आने वाले पर्यटकों को वेपन म्यूजियम में प्रदर्शित ऐतिहासिक हथियार अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. बड़ी संख्या में बाला किला पहुंचने वाले पर्यटक वेपन म्यूजियम में प्रदर्शित हथियारों के बारे में जानने के लिए उत्सुक दिखाई पड़ते हैं. वर्तमान में बाला किला में आने वाले पर्यटकों को नि:शुल्क प्रवेश मिलता है, लेकिन वेपन म्यूजियम के पुरातत्व विभाग के अधीन होने के बाद इसमें एक निश्चित टिकट दर भी पर्यटकों को चुकानी होगी.
इतिहासकार हरिशंकर गोयल ने बताया कि वेपन म्यूजियम में तुर्किश मशीन गन, टोपीदार बंदूक और तलवार रखे हैं. इसके अलावा इस म्यूजियम में 15 किलो वजनी व 110 इंच लंबी मशीनगन भी रखी है. साथ ही यहां प्रदर्शित तलवारों की भी अनेक वैरायट्स हैं. उन्होंने बताया कि वेपन म्यूजियम में प्रदर्शित हथियार इतने वजनी हैं कि आज के जमाने में ये वजनी हथियार दिखना तो दूर बनने भी बंद हो गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश के पहले वेपन म्यूजियम में हथियारों को रखने के बॉक्स सागवान की लकड़ी से तैयार किए गए हैं. साथ ही लकड़ी के बॉक्स में रखे हथियार पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सके, इसके लिए उनमें विशेष लाइट भी लगाई गई हैं.
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स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार : बाला किला पर वेपन म्यूजियम बनने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा. इसका सबसे ज्यादा लाभ होटल इंडस्ट्रीज को होगा. साथ ही लोकल टांसपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा.
अब अलवर में होंगे दो म्यूजियम : बाला किला पर वेपन म्यूजियम तैयार होने के बाद अलवर में दो म्यूजियम पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे. अभी पुराना कलक्टेट स्थित संग्रहालय में पुराने राजा महाराजाओं की भेष भूषा, पुराने हथियार, ऐतिहासिक ग्रंथ, अलवर के महाराज का सिंहासन सहित अन्य पुरा महत्व की वस्तुएं प्रदर्शित हैं, वहीं वेपन म्यूजियम में 1940 से 50 तक के अस्त्र शस्त्र प्रदर्शित किए जाएंगे.
यूआईटी के अधिशासी अभियंता योगेंद्र कुमार ने बताया कि बाला किला पर वेपन म्यूजियम गत अप्रेल में बनकर तैयार हो गया था. अब वेपन म्यूजियम को पुरातत्व विभाग को सौंपने के लिए पत्र लिखा गया है. वहीं पुरातत्व विभाग की ओर से भी वेपन म्यूजियम को अपने अधीन लेने के लिए पत्र मिल चुका है. जल्द ही वेपन म्यूजिमय का जिम्मा पुरातत्व विभाग को सौंपा जाएगा.