जयपुर. प्रदेश में नशे का कारोबार किस तरह फल फूल रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में मुंबई पुलिस ने जोधपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया और एक फैक्ट्री को सीज किया.
इस फैक्ट्री में करीब 104 करोड़ रुपए की एमडीएमए ड्रग्स व अन्य सामग्री बरामद की थी, जबकि लम्बे समय से जोधपुर में नशीली दवाओं के निर्माण की एक फैक्ट्री पुलिस की नाक के नीचे संचालित हो रही थी और पुलिस को इस बात का अंदाजा भी नहीं था. वहीं, अब सरकार ने नशे के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. औषधि नियंत्रक विभाग ने भी कुछ इस तरह की दवाओं को चिह्नित किया है, जो नशे के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं.
मानसिक रोग की दवाओं से नशा : मामले को लेकर औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि प्रदेश में नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर विभाग ने कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. इसको लेकर एक अभियान भी प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. फाटक का कहना है कि पिछले कुछ समय से यह देखने को मिला है कि बाजार में बेचे जाने वाली 14 तरह की दवाइयों का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है. ये दवाएं आम तौर पर मानसिक रोगों और न्यूरो से संबंधित इलाज में काम आती हैं, लेकिन इसके इतर भी इन दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है और बाजारों में बेचा जा रहा है.