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राजस्थान में फैल रहा नशे का जाल! विभाग सतर्क, उठाया ये कदम - Action on drugs in rajasthan

जोधपुर में मुंबई पुलिस की छापेमारी में एक फैक्ट्री से करीब 104 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स बरामद होने के बाद अब प्रदेश में नशे के खिलाफ सरकार कड़ा कदम उठाने जा रही है. औषधि नियंत्रक विभाग ने इस तरह की दवाओं को चिह्नित किया है, जो नशे के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं. इसके खिलाफ अब अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी.

नशे पर लगेगी लगाम
नशे पर लगेगी लगाम (ETV Bharat GFX Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 14, 2024, 8:07 PM IST

नशे पर लगेगी लगाम (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. प्रदेश में नशे का कारोबार किस तरह फल फूल रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में मुंबई पुलिस ने जोधपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया और एक फैक्ट्री को सीज किया.

इस फैक्ट्री में करीब 104 करोड़ रुपए की एमडीएमए ड्रग्स व अन्य सामग्री बरामद की थी, जबकि लम्बे समय से जोधपुर में नशीली दवाओं के निर्माण की एक फैक्ट्री पुलिस की नाक के नीचे संचालित हो रही थी और पुलिस को इस बात का अंदाजा भी नहीं था. वहीं, अब सरकार ने नशे के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. औषधि नियंत्रक विभाग ने भी कुछ इस तरह की दवाओं को चिह्नित किया है, जो नशे के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें- नशे के लिए उपयोग में ली जा रही 14 तरह की दवाओं पर सख्ती की तैयारी - Food Safety And Drug Control

मानसिक रोग की दवाओं से नशा : मामले को लेकर औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि प्रदेश में नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर विभाग ने कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. इसको लेकर एक अभियान भी प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. फाटक का कहना है कि पिछले कुछ समय से यह देखने को मिला है कि बाजार में बेचे जाने वाली 14 तरह की दवाइयों का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है. ये दवाएं आम तौर पर मानसिक रोगों और न्यूरो से संबंधित इलाज में काम आती हैं, लेकिन इसके इतर भी इन दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है और बाजारों में बेचा जा रहा है.

नशे पर लगेगी लगाम (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. प्रदेश में नशे का कारोबार किस तरह फल फूल रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में मुंबई पुलिस ने जोधपुर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया और एक फैक्ट्री को सीज किया.

इस फैक्ट्री में करीब 104 करोड़ रुपए की एमडीएमए ड्रग्स व अन्य सामग्री बरामद की थी, जबकि लम्बे समय से जोधपुर में नशीली दवाओं के निर्माण की एक फैक्ट्री पुलिस की नाक के नीचे संचालित हो रही थी और पुलिस को इस बात का अंदाजा भी नहीं था. वहीं, अब सरकार ने नशे के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. औषधि नियंत्रक विभाग ने भी कुछ इस तरह की दवाओं को चिह्नित किया है, जो नशे के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं.

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मानसिक रोग की दवाओं से नशा : मामले को लेकर औषधि नियंत्रक अजय फाटक ने बताया कि प्रदेश में नशे के कारोबार में लिप्त लोगों पर विभाग ने कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है. इसको लेकर एक अभियान भी प्रदेश में चलाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत हो चुकी है. फाटक का कहना है कि पिछले कुछ समय से यह देखने को मिला है कि बाजार में बेचे जाने वाली 14 तरह की दवाइयों का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है. ये दवाएं आम तौर पर मानसिक रोगों और न्यूरो से संबंधित इलाज में काम आती हैं, लेकिन इसके इतर भी इन दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा है और बाजारों में बेचा जा रहा है.

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