जयपुर. प्रदेश की अविवाहित महिलाओं और बालिकाओं के अच्छी खबर है. अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों के सभी महिलाएं पात्र होंगी. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने राज्य में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले प्रदेश की अविवाहित महिलाओं को उपहार देते हुए अब अविवाहित महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बनने का रास्ता खोल दिया गया है. दीया कुमारी ने चयन शर्तों में संशोधन को स्वीकृति दे दी.
चयन नियमों में संशोधन : उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन अनुसार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में पहली बार ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों के आवेदन करने के लिए सभी महिलाएं पात्र होंगी. इसके लिए आंगनबाड़ी मानदेय कर्मियों की चयन शर्तों में संशोधन की स्वीकृति देकर अविवाहित महिलाओं को भी इस क्षेत्र में अवसर देने की पहल की गई है.
बता दें कि इससे पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों के सिर्फ विवाहित महिला ही पात्र मानी जाती थी. अविवाहित महिला को भी चयन प्रक्रिया में पात्र माना जाए, इसको लेकर लम्बे से मांग उठ रही थी. अब लाल सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए अब नियमों में संशोधन करते हुए अविवाहित महिला भी पात्र बना दिया है.
दीया कुमारी ने साथियों को भी दिया उपहार : इसके साथ महिला एवं बाल विकास शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने राज्य में जो साथिन 2 वर्ष की कार्य निरंतरता का अनुभव रखती हैं, उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के आवेदन करने पर अनुभव में वरीयता दी जाने को स्वीकृति दी है. इसके लिए उन्हें बोनस में चार अंक दिए जाएंगे, जिससे उनका चयन होना और आसान हो जाएगा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व साथिनों के मानदेय में 10 प्रतिशत वृद्धि की मिली स्वीकृति : महिला एवं बाल विकास शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका और साथिनों के मानदेय में भी 10 प्रतिशत की वृद्धि को स्वीकृति दी है. बढ़ा हुआ 10 प्रतिशत मानदेय अप्रैल माह से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष में मिलना शुरू हो जाएगा.