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तबादले के चार माह बाद किया कार्यमुक्त, अधिकरण ने लगाई रोक - Rajasthan Civil Services Appellate

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने तबदला करने के चार महीने के बाद कार्यमुक्त करने के मामले में आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है.

STAYED THE IMPLEMENTATION OF ORDER,  IMPLEMENTATION OF TRANSFER ORDERS
राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण. (Etv Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 14, 2024, 8:38 PM IST

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने सहायक वनपाल को तबादला करने के चार माह बाद कार्यमुक्त करने के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख वन सचिव, प्रमुख वन संरक्षक और उप वन संरक्षक, झुंझुनू से जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश प्रवीण कुमार मीणा की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी का गत 20 फरवरी को उपवन संरक्षक, झुंझुनू रेंज नवलगढ़ से उपवन संरक्षक वन्यजीव, कोटा के कार्यालय में तबादला कर दिया था. वहीं, इस आदेश के करीब चार माह बाद जून माह में उसे कार्यमुक्त किया गया. अपील में कहा गया कि अपीलार्थी अल्प वेतनभोगी कर्मचारी है, उसका तबादला दूसरी रेंज में करने से उसकी वरिष्ठता भी प्रभावित होगी.

पढ़ेंः जल जीवन मिशन के ईडी प्रकरण में आरोपी को जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार - Bail to accused in JJM scam

वहीं, उसके सर्विस करियर में भी इसका विपरीत प्रभाव पडे़गा. अपील में यह भी कहा गया कि कर्मचारी का तबादला करने के बाद उसे उचित समय अवधि में कार्यमुक्त किया जाना चाहिए, जबकि अपीलार्थी के प्रकरण में उसे चार माह बाद कार्यमुक्त किया गया. ऐसे में उसे कार्यमुक्त करने के आदेश की क्रियांविति को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने कार्यमुक्त करने के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने सहायक वनपाल को तबादला करने के चार माह बाद कार्यमुक्त करने के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख वन सचिव, प्रमुख वन संरक्षक और उप वन संरक्षक, झुंझुनू से जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश प्रवीण कुमार मीणा की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी का गत 20 फरवरी को उपवन संरक्षक, झुंझुनू रेंज नवलगढ़ से उपवन संरक्षक वन्यजीव, कोटा के कार्यालय में तबादला कर दिया था. वहीं, इस आदेश के करीब चार माह बाद जून माह में उसे कार्यमुक्त किया गया. अपील में कहा गया कि अपीलार्थी अल्प वेतनभोगी कर्मचारी है, उसका तबादला दूसरी रेंज में करने से उसकी वरिष्ठता भी प्रभावित होगी.

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वहीं, उसके सर्विस करियर में भी इसका विपरीत प्रभाव पडे़गा. अपील में यह भी कहा गया कि कर्मचारी का तबादला करने के बाद उसे उचित समय अवधि में कार्यमुक्त किया जाना चाहिए, जबकि अपीलार्थी के प्रकरण में उसे चार माह बाद कार्यमुक्त किया गया. ऐसे में उसे कार्यमुक्त करने के आदेश की क्रियांविति को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने कार्यमुक्त करने के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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