चित्तौड़गढ़ : गंगरार उपखंड के एक गांव स्थित राजकीय स्कूल में प्रिंसिपल और महिला शिक्षक का आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के मामले में मंगलवार को शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए दोनों को बर्खास्त कर दिया.
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार विभाग ने मामले में प्रिंसिपल से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन 20 जनवरी तक उन्होंने जांच कमेटी के सामने अपना जवाब पेश नहीं किया. वहीं, महिला शिक्षक ने वीडियो को अपना बताते हुए उसे एडिटेड होने का दावा किया, लेकिन जांच में वीडियो असली पाया गया. दोनों के अनैतिक आचरण को देखते हुए विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया है. शर्मा ने कहा कि दोनों ने शिक्षा के मंदिर में ही अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त होकर विभाग की बदनामी की. इसलिए उनके खिलाफ यह कठोर कदम उठाया गया.
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दोनों राजकीय सेवा से मुक्त : शिक्षा विभाग ने दोनों को निलंबित करते हुए उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया था. जांच कमेटी की अगुवाई करते हुए जॉइंट डायरेक्टर रंजना कोठारी ने टीम के साथ मंगलवार को मौके पर पहुंच कर अभिभावकों और विद्यार्थियों के बयान लिए. जांच के बाद विभाग ने इसे अनैतिक आचरण मानते हुए दोनों को राजकीय सेवा से मुक्त कर दिया.
गौरतलब है कि शनिवार को प्रिंसिपल और महिला शिक्षक के एक वीडियो ने सनसनी मचा दी थी. वीडियो में प्रिंसिपल खुद को शिक्षक संगठन का प्रदेश पदाधिकारी बताता हुआ और ग्रामीणों को धमकाता हुआ नजर आया. उसने महिला शिक्षक के साथ संबंधों को लेकर ग्रामीणों से अपमानजनक व्यवहार किया. ग्रामीणों ने उसे चेतावनी दी, लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी. इसके बाद ग्रामीणों ने सबूत इकट्ठा कर विभाग तक पहुंचाया. कार्रवाई नहीं होने पर मंगलवार को ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लगा दिया था.