जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार सुबह अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय पक्षी मोर के साथ तस्वीर साझा की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट टेबल पर नजर आ रहे हैं और उनकी टेबल पर मोर बैठा हुआ है. इस तस्वीर को लेकर सुबह से ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल और पोस्ट देखी जा रही है.
सत्ताधारी पार्टी के मुखिया की इस पोस्ट को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल पर पलटवार शनिवार शाम को आया, जिसमें प्रदेश के राजनीतिक और मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए इनका असर आने वाले चुनाव पर पड़ने की बात कही गई है.
आज प्रातःकाल की बेला में मुख्यमंत्री आवास पर भगवान कार्तिकेय के वाहन, पक्षियों के राजा राष्ट्रीय पक्षी मोर को आहार प्रदान किया।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) August 10, 2024
ईश्वर द्वारा सृजित, भगवान श्रीकृष्ण की परछाई के रूप में विख्यात राष्ट्रीय पक्षी मोर सौंदर्य, प्रेम एवं स्नेह का प्रतीक हैं। इनकी सेवा स्वयं में आराधना… pic.twitter.com/AhNjb6CQBF
बात मोर की, निशाना राजनीति का : राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शनिवार को हुई पोस्ट में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की, मोर के साथ तस्वीर वाली पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक कमेंट चर्चा का मुद्दा बन गया है. इस पोस्ट में सीएम भजनलाल को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि मोर समझदार है. मुख्यमंत्री जी को बिल्कुल भी भाव नहीं दे रहा है, क्योंकि 8 महीने में जनता के काम तो कुछ हुए नहीं. साथ ही लिखा गया है, चेत जाइए मुख्यमंत्री जी. मोर को निहारने से नहीं, जनता के काम करने से होगा, नहीं तो 6 उपचुनावों में ये 'मोरिया' फिर बोलेगा.
मोर समझदार है, मुख्यमंत्री जी को बिल्कुल भी भाव नहीं दे रहा है! क्योंकि 8 महीने में जनता के काम तो कुछ हुए नहीं।
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) August 10, 2024
चेत जाइए मुख्यमंत्री जी! मोर को निहारने से नहीं, जनता के काम करने से होगा।
नहीं तो 6 उपचुनावों में ये 'मोरिया' फिर बोलेगा! https://t.co/nbfEisnRvk
'मोरिया' बना था कांग्रेस का नारा : राजस्थान कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लेते हुए चुनावी हार को स्थानीय बोलचाल की भाषा में तंज के जरिए मोरिया बुलाने की बात कही थी. डोटासरा अपने चुनावी सभा में भाजपा को मात देने के लिए शेखावाटी के अंदाज में लगातार मोरिया बुलाने का जिक्र करते रहे थे.