अलवर: रामगढ़ उपचुनाव में जय आहूजा के बगावती तेवरों से जूझ रही भाजपा आखिर में डैमेज कंट्रोल करने में सफल रही. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रतिनिधि के रूप में रामगढ़ आए गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम एवं अन्य नेताओं ने जय आहूजा से समझाइश कर उन्हें चुनाव नहीं लड़ने को राजी कर लिया. बाद में पार्टी नेता जय आहूजा ने रामगढ़ में आयोजित पंचायत में रामगढ़ से उपचुनाव नहीं लड़ने और भाजपा प्रत्याशी का सहयोग कर प्रचार करने का एलान किया. जय आहूजा के बदले तेवरों से भाजपा खेमे में राहत दिखाई दी.
मुख्यमंत्री के प्रतिनिधियों से बात करने के बाद बागी तेवर अपनाने वाले जय आहूजा मंगलवार को पंचायत में पार्टी लाइन पर चलते दिखे. उन्होंने कहा कि बचपन से वे स्वयं सेवक रहे हैं. हिन्दुत्व का विचार मेरे खून में बहता है. पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने भी उनसे कहा कि हम औरों जैसे नहीं हो सकते. औरों और हमारे चरित्र व संस्कार में बहुत अंतर है. हमें अपनी जगह पर कायम रहना चाहिए. पार्टी नेता ज्ञानदेव आहूजा हमारे पूज्यनीय हैं, इसलिए उनके आदेश की मुझे पालना करनी थी. मैं ऐसी नाकार संतान नहीं, जो अपने बड़े बुजुर्गों की आज्ञा का पालन नहीं करूं.
जय आहूजा ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली कि विरोधी खेमे के कुछ लोग उनकी पंचायत में भीड़ के रूप में शामिल होकर उनके परिवार में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे लोग भीड़ के रूप में उन्हें चुनाव लड़ने को मजबूर करेंगे. पिछली बार विधानसभा चुनाव में भी विरोधी खेमे के लोगों ने ऐसा कर सुखवंत सिंह को बैठने नहीं दिया, लेकिन जो भी लोग पंचायत में व्यवस्थित रूप से आए, हमने अपनी बात मुख्यमंत्री को बताई. हमारे खून में जो हिन्दुत्व बहता है, उसे हम बदल नहीं सकते. हमें अपने देश-धर्म की रक्षा भाजपा के साथ ही करनी है. मैंने भाजपा और कमल के फूल को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा का परिवार बड़ा है. परिवार में एक जने से नाराजगी हो सकती है, लेकिन बड़े लोगों का काम होता परिवार के झगड़े को मिटाना. परिवार में फूट का लाभ कोई दूसरा नहीं उठा ले जाए, इसलिए बड़ा मन दिखाया है. अब वे भाजपा और उसके प्रत्याशी का प्रचार करेंगे और चुनाव जिताकर विधानसभा में भेजेंगे.
जय आहूजा का परिवार है संस्कारित - बेढम : मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में रामगढ़ आए गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि जय आहूजा का परिवार भाजपा का संस्कारित परिवार है. पार्टी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने आरएसएस से अपनी यात्रा शुरू की और भाजपा में रहकर उसे सींचने का कार्य किया. जय आहूजा भी संघ के संस्कारित सदस्य रहे और अब भाजपा के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं. यह हमारा पारिवारिक मसला है.
परिवार में ज्ञानदेव आहूजा और जय आहूजा से बात की तो राष्ट्रीयता, मेवात में रहने वाले सनातनी लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित कैसे किया जाए, यह उनके दिल में देखा तो हमें भी खुशी हुई. जय आहूजा ने यही कहा कि मैं परिवार का सदस्य हूं और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भाजपा सातों विधानसभा उपचुनाव जीते, उसके लिए मैं भाजपा के लिए तन, मन और धन से कार्य करूंगा. जय आहूजा केवल रामगढ़ के नेता नहीं हैं, बल्कि ये राजस्थान के युवाओं के नेता हैं और भाजपा के लिए कार्य करेंगे.