कोटा: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से संबद्ध स्कूलों में 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले लाखों स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं, जिन्हें साल 2025 में बोर्ड की परीक्षाएं देनी है. इन कैंडिडेट को मॉडल टेस्ट पेपर्स का इंतजार है. यह मॉडल टेस्ट पेपर्स सैंपल्स क्वेश्चन पेपर्स होते हैं, जिनमें मार्किंग स्कीम की जानकारी होती है. सेंट्रल बोर्ड का सेकेंडरी एजुकेशन सीबीएसई ने 1 महीने पहले ही मार्किंग स्कीम और सैंपल क्वेश्चन पेपर्स जारी कर दिए हैं, लेकिन राजस्थान बोर्ड के स्टूडेंट्स को अभी भी इंतजार है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि मॉडल टेस्ट पेपर्स जारी नहीं होने के कारण बोर्ड एग्जाम देने वाले लाखों स्टूडेंट प्रभावित हो रहे हैं. साल 2024 में 12वीं में 2.52 लाख कैंडीडेट्स बैठे थे और लगभग इतने ही इस साल भी एग्जाम देने वाले हैं. इन स्टूडेंट्स में से अधिकांश इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन व एडवांस्ड और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी देते हैं. इन्हें बोर्ड परीक्षाओं व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बीच संतुलन बनाना होता है, क्योंकि दोनों परीक्षाओं का पैटर्न भिन्न है.
ऐसे में इन्हें बोर्ड-परीक्षा की उचित तैयारी लिए मॉडल टेस्ट पेपर्स की आवश्यकता होती है, ताकि वे लगातार से बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करते रहें. देव शर्मा का यह भी कहना है कि मैथमेटिक्स के स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग संस्थानों में एडमिशन के लिए टॉप 20 परसेंटाइल या फिर 75 फीसदी से ज्यादा अंक आने होते हैं, तभी इन्हें आईआईटी एनआईटी ट्रिपल आईटी और जीएफआईटी में एडमिशन मिलता है. इसलिए भी इन्हें मॉडल टेस्ट पेपर की आवश्यकता ज्यादा है.