ETV Bharat / state

निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का हल्ला बोल, विद्युत भवन पर किया प्रदर्शन - PROTEST IN JAIPUR

प्रदेश में बिजली निगमों से जुड़ी 19 यूनियनों के संयुक्त संघर्ष मोर्चे के आह्वान पर जयपुर में जुटे कर्मचारी, अधिकारी और इंजीनियर्स.

Protest in Jaipur
बिजली कर्मचारियों का हल्ला बोल (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

जयपुर: बिजली निगमों में निजीकरण के मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने प्रदेश की भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ब्लॉक और जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन के बाद बिजली कंपनियों के कर्मचारी, अधिकारी और अभियंता शुक्रवार को जयपुर में विद्युत भवन पर इकठ्ठा हुए, जहां धरना देकर अपना विरोध दर्ज करवाया. इस दौरान प्रदेशभर से आए कर्मचारियों को वक्ताओं ने संबोधित किया और कहा कि मांग पूरी होने तक उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी. धरने के बाद बिजली निगमों में निजीकरण बंद करने और जीपीएफ कटौती शुरू करने की मांग को लेकर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री और ऊर्जा विभाग के एसीएस के नाम ज्ञापन दिया.

कर्मचारियों के साथ आमजन को भी नुकसान : राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि राजस्थान की बिजली कंपनियों को सरकार अलग-अलग मॉडल के माध्यम से बेचने का काम कर रही है. यह बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के साथ ही आमजन के भी हितों के प्रतिकूल है. इसका कर्मचारियों के साथ आमजन को भी नुकसान होगा.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

सबसे सस्ती बिजली बना रहे, फिर भी बेचने की तैयारी : उन्होंने कहा कि हमारे उत्पादन निगम के प्लांट को जॉइंट वेंचर के नाम पर बेचा जा रहा है. जबकि यह प्लांट सबसे सस्ती बिजली बना रहे हैं. हमारा प्रसारण निगम आज तक घाटे में नहीं रहा. उसके 765 और 400 केवी के जीएसएस को भी बेचा जा रहा है. इसी तरह वितरण निगमों के हजारों जीएसएस को भी बेचने की तैयारी है.

मांगें नहीं मानी तो आंदोलन करेंगे तेज : यह आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके पुरजोर विरोध के लिए शुक्रवार को जयपुर डिस्कॉम, उत्पादन निगम और प्रसारण निगम के सभी कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता प्रदर्शन में शामिल होने आए हैं. हम नहीं चाहते कि किसी को कोई तकलीफ हो, लेकिन अगर सरकार हमें मजबूर करना चाहती है तो हम आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे.

पढ़ें : अमित शाह के बयानों के खिलाफ अजमेर में कांग्रेस का दो जगह प्रदर्शन, मांगा इस्तीफा - CONGRESS PROTEST IN AJMER

सरकार के कान पर नहीं रेंग रही जूं : संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता यतेंद्र कुमार ने कहा कि सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि दो-तीन चरणों में आंदोलन हो चुका. इसके बावजूद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. आज तक हमसे कोई वार्ता नहीं की गई. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत है, वहां निजीकरण कीजिए, लेकिन जहां जरूरी नहीं है. वहां भी निजीकरण किया जा रहा है. कर्मचारी का क्या होगा. नियम और सेवा शर्तें क्या रहेंगी. कर्मचारी कहां जाएगा. कर्मचारियों ने अपनी मेहनत से बिजली विभाग को बनाया और आगे बढ़ाया.

फायदे की कंपनियों में भी निजीकरण क्यों? : उन्होंने कहा कि प्रसारण निगम फायदे की कंपनी है. उसके बावजूद भी वहां निजीकरण की पॉलिसी लागू की जा रही है. पावर जनरेशन में हम एशिया में पहले नंबर पर हैं. हमने शत-प्रतिशत पावर लोड पर प्लांट चलाए हैं. इसके बावजूद वहां जॉइंट वेंचर पर काम किया जा रहा है. जबकि वहां सुधार करके नई भर्तियां की जानी चाहिए, लेकिन सरकार इसे भी बेचने पर आमदा है. हमारे महंगे असेट्स को सरकार सस्ते दामों पर बेचने को उतारू है. इसके लिए निजीकरण के अलग-अलग मॉडल लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा- अब भी सरकार नहीं जागी तो सभी यूनियन मिलकर आंदोलन आगे बढ़ाने की रणनीति तय करेगी.

जयपुर: बिजली निगमों में निजीकरण के मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने प्रदेश की भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ब्लॉक और जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन के बाद बिजली कंपनियों के कर्मचारी, अधिकारी और अभियंता शुक्रवार को जयपुर में विद्युत भवन पर इकठ्ठा हुए, जहां धरना देकर अपना विरोध दर्ज करवाया. इस दौरान प्रदेशभर से आए कर्मचारियों को वक्ताओं ने संबोधित किया और कहा कि मांग पूरी होने तक उनकी यह लड़ाई जारी रहेगी. धरने के बाद बिजली निगमों में निजीकरण बंद करने और जीपीएफ कटौती शुरू करने की मांग को लेकर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के माध्यम से मुख्यमंत्री और ऊर्जा विभाग के एसीएस के नाम ज्ञापन दिया.

कर्मचारियों के साथ आमजन को भी नुकसान : राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के पृथ्वीराज गुर्जर ने बताया कि राजस्थान की बिजली कंपनियों को सरकार अलग-अलग मॉडल के माध्यम से बेचने का काम कर रही है. यह बिजली कंपनियों के कर्मचारियों के साथ ही आमजन के भी हितों के प्रतिकूल है. इसका कर्मचारियों के साथ आमजन को भी नुकसान होगा.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

सबसे सस्ती बिजली बना रहे, फिर भी बेचने की तैयारी : उन्होंने कहा कि हमारे उत्पादन निगम के प्लांट को जॉइंट वेंचर के नाम पर बेचा जा रहा है. जबकि यह प्लांट सबसे सस्ती बिजली बना रहे हैं. हमारा प्रसारण निगम आज तक घाटे में नहीं रहा. उसके 765 और 400 केवी के जीएसएस को भी बेचा जा रहा है. इसी तरह वितरण निगमों के हजारों जीएसएस को भी बेचने की तैयारी है.

मांगें नहीं मानी तो आंदोलन करेंगे तेज : यह आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के हित में नहीं है. इसके पुरजोर विरोध के लिए शुक्रवार को जयपुर डिस्कॉम, उत्पादन निगम और प्रसारण निगम के सभी कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता प्रदर्शन में शामिल होने आए हैं. हम नहीं चाहते कि किसी को कोई तकलीफ हो, लेकिन अगर सरकार हमें मजबूर करना चाहती है तो हम आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे.

पढ़ें : अमित शाह के बयानों के खिलाफ अजमेर में कांग्रेस का दो जगह प्रदर्शन, मांगा इस्तीफा - CONGRESS PROTEST IN AJMER

सरकार के कान पर नहीं रेंग रही जूं : संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवक्ता यतेंद्र कुमार ने कहा कि सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि दो-तीन चरणों में आंदोलन हो चुका. इसके बावजूद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. आज तक हमसे कोई वार्ता नहीं की गई. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत है, वहां निजीकरण कीजिए, लेकिन जहां जरूरी नहीं है. वहां भी निजीकरण किया जा रहा है. कर्मचारी का क्या होगा. नियम और सेवा शर्तें क्या रहेंगी. कर्मचारी कहां जाएगा. कर्मचारियों ने अपनी मेहनत से बिजली विभाग को बनाया और आगे बढ़ाया.

फायदे की कंपनियों में भी निजीकरण क्यों? : उन्होंने कहा कि प्रसारण निगम फायदे की कंपनी है. उसके बावजूद भी वहां निजीकरण की पॉलिसी लागू की जा रही है. पावर जनरेशन में हम एशिया में पहले नंबर पर हैं. हमने शत-प्रतिशत पावर लोड पर प्लांट चलाए हैं. इसके बावजूद वहां जॉइंट वेंचर पर काम किया जा रहा है. जबकि वहां सुधार करके नई भर्तियां की जानी चाहिए, लेकिन सरकार इसे भी बेचने पर आमदा है. हमारे महंगे असेट्स को सरकार सस्ते दामों पर बेचने को उतारू है. इसके लिए निजीकरण के अलग-अलग मॉडल लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा- अब भी सरकार नहीं जागी तो सभी यूनियन मिलकर आंदोलन आगे बढ़ाने की रणनीति तय करेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.