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सदन में विधायक घोघरा ने डूंगरपुर पुलिस पर साधा निशाना, यादव ने प्रश्न डिलीट करने को बताया गंभीर - Rajasthan Assembly session 2024 - RAJASTHAN ASSEMBLY SESSION 2024

राजस्थान विधानसभा में विधायकों ने अपने अपने इलाके के सार्वजनिक हितों के मामले उठाए. डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने जहां डूंगरपुर में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया तो शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न डिलीट करने की बात को गंभीरता से लेने को कहा.

Rajasthan Assembly session 2024
राजस्थान विधानसभा: विधायक घोघरा ने डूंगरपुर पुलिस पर साधा निशाना (PHOTO ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 24, 2024, 2:21 PM IST

जोधपुर: राज्य विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में ध्यानाकर्षण, स्थगन और पर्ची के माध्यम से विधायकों ने अलग अलग मुदृों पर अपनी बात रखी. इसमें डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था का मामला उठाया. घोघरा ने हाल ही में अहमदाबाद से जयपुर आने वाली ट्रेन को लोहे के सरीए डाल कर रोकने के प्रयास पर कहा कि वहां कुछ भी हो सकता था. लूट,हत्या या बलात्कार, कुछ भी हो सकता है, लेकिन वहां का पुलिस प्रशासन क्या कर रहा था. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर कभी शांत क्षेत्र होता था, लेकिन पिछले समय से वहां दंगे हो रहे हैं. लूट हो रही है. आठ बजे बाद कोई निकल नहीं सकता. महिलाएं सुरक्षित नहीं है. कुछ दिनों पहले एक महिला के पीछे बदमाश पड़ गए थे, उसने जंगल में जाकर जान बचाई. जब मामला थाने पहुंचा तो थानेदार ने कह दिया कि यह उसका इलाका नहीं है. ऐसे हालत बने हैं, लेकिन डबल इंजन की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. विधायक ने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

पढ़ें: विधानसभा में गूंजा सरिस्का में भूमि अतिक्रमण और निःशुल्क बिजली का मुद्दा, नेता प्रतिपक्ष को अतिक्रमी कहने पर बरपा हंगामा

क्यों हो रहे है प्रश्न डिलीट: शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने आरपीएससी और अधीनस्थ भर्ती बोर्ड की परीक्षा के बाद उत्तर सूची जारी करने के बाद प्रश्न डिलीट करने का चलन लगातार बढ़ रहा हैं. इसका कारण यह बताया जाता है कि प्रश्न सही नहीं था. हाल ही में जूनियर एकाउंटेट परीक्षा में भी ऐसा हुआ. 27 जून को परिणााम जारी हुआ. इस परीक्षा के 23 प्रश्न डिलीट किए गए. एक परीक्षा में इतने प्रश्न का डिलीट होना प्रतिभागियों के​ लिए परेशानी विषय है. यह बहुत सोचनीय विषय है. गत 78 परीक्षाओं में 200 प्रश्न डिलीट किए गए हैं. जो बताता है कि प्रश्न पत्र बनाने वाले विशेषज्ञ गंभीर नहीं है. सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी होगी. इनकी वजह से भर्तियां अटक जाती है. इसका खमियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों के पैनल पर ध्यान देना होगा, ताकि ऐसी स्थितियां नहीं बने.

रोडवेज कर्मियों को दें सरकार राहत: चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने रोडवेज के कर्मचारियों को लंबे समय से परिलाभ नहीं मिलने का मुदृदा उठाया. उन्होंने कहा कि रोडवेज की हालत बहुत खराब है. पेशनर्स को पेंशन नहीं मिल रही हैं. किसी भी तरह के परिलाभ कर्मचारियों को नहीं मिल रहे हैं. इनके भी परिवार हैं. सरकारें आती है और जाती है, लेकिन इनको लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं. जबकि लंबे समय से कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं.

पढ़ें: हरीश चौधरी के बयान पर मंत्री राज्यवर्धन का तंज, कहा- मोहब्बत की नेम प्लेट लगाते हैं, दुकान नफरत की चलाते हैं

छावनी क्षेत्र के पास स्वामित्व नहीं रहना चाहिए: विधायक रामस्वरूप लांबा ने नसीराबाद छावनी क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि छावनी क्षेत्र से एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया है कि छावनी क्षेत्र के आवासों का स्वामित्व रक्षा मंत्रालय के अधीन रहेगा. ऐसे में नसीराबाद नगर पालिका का कोई ​औचित्य नहीं रहेगा. वह आधी अधूरी रहेगी. ऐसे में नागरिकों को छावनी बोर्ड में ही रखा जाए, अन्यथा सरकार को इसमें पहल कर पूरा स्वामित्व लेना होगा.

एक साल से हत्यारे नहीं पकड़े: सिवाना के विधायक हमीर सिंह भायल ने मिठूडा गांव के सरपंच आमसिंह की गत वर्ष हुई हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि एक साल पहले स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन आज दिन तक कोई भी अपराधी पकड़ में नहीं आया. दहशत का माहौल बना हुआ है. जनता को पुलिस पर भरोसा नहीं है. पिछले एक साल से जगह जगह ज्ञापन दिया जा रहा हैं. एक साल से खुलासा नहीं हुआ है. सिवाना क्षेत्र में आम लोगों ने खेतों में रहना बंद कर दिया हैं, क्योंकि जब एक प्रतिष्ठित व्यक्ति की हत्या हो सकती है तो आमजन की स्थिति क्या होगा? विधायक ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर जघन्य हत्या कांड का खुलासा कर क्षेत्र में दहशत का माहौल खत्म करने की मांग रखी.

जोधपुर: राज्य विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में ध्यानाकर्षण, स्थगन और पर्ची के माध्यम से विधायकों ने अलग अलग मुदृों पर अपनी बात रखी. इसमें डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था का मामला उठाया. घोघरा ने हाल ही में अहमदाबाद से जयपुर आने वाली ट्रेन को लोहे के सरीए डाल कर रोकने के प्रयास पर कहा कि वहां कुछ भी हो सकता था. लूट,हत्या या बलात्कार, कुछ भी हो सकता है, लेकिन वहां का पुलिस प्रशासन क्या कर रहा था. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर कभी शांत क्षेत्र होता था, लेकिन पिछले समय से वहां दंगे हो रहे हैं. लूट हो रही है. आठ बजे बाद कोई निकल नहीं सकता. महिलाएं सुरक्षित नहीं है. कुछ दिनों पहले एक महिला के पीछे बदमाश पड़ गए थे, उसने जंगल में जाकर जान बचाई. जब मामला थाने पहुंचा तो थानेदार ने कह दिया कि यह उसका इलाका नहीं है. ऐसे हालत बने हैं, लेकिन डबल इंजन की सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. विधायक ने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

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क्यों हो रहे है प्रश्न डिलीट: शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने आरपीएससी और अधीनस्थ भर्ती बोर्ड की परीक्षा के बाद उत्तर सूची जारी करने के बाद प्रश्न डिलीट करने का चलन लगातार बढ़ रहा हैं. इसका कारण यह बताया जाता है कि प्रश्न सही नहीं था. हाल ही में जूनियर एकाउंटेट परीक्षा में भी ऐसा हुआ. 27 जून को परिणााम जारी हुआ. इस परीक्षा के 23 प्रश्न डिलीट किए गए. एक परीक्षा में इतने प्रश्न का डिलीट होना प्रतिभागियों के​ लिए परेशानी विषय है. यह बहुत सोचनीय विषय है. गत 78 परीक्षाओं में 200 प्रश्न डिलीट किए गए हैं. जो बताता है कि प्रश्न पत्र बनाने वाले विशेषज्ञ गंभीर नहीं है. सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी होगी. इनकी वजह से भर्तियां अटक जाती है. इसका खमियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों के पैनल पर ध्यान देना होगा, ताकि ऐसी स्थितियां नहीं बने.

रोडवेज कर्मियों को दें सरकार राहत: चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने रोडवेज के कर्मचारियों को लंबे समय से परिलाभ नहीं मिलने का मुदृदा उठाया. उन्होंने कहा कि रोडवेज की हालत बहुत खराब है. पेशनर्स को पेंशन नहीं मिल रही हैं. किसी भी तरह के परिलाभ कर्मचारियों को नहीं मिल रहे हैं. इनके भी परिवार हैं. सरकारें आती है और जाती है, लेकिन इनको लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं. जबकि लंबे समय से कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं.

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छावनी क्षेत्र के पास स्वामित्व नहीं रहना चाहिए: विधायक रामस्वरूप लांबा ने नसीराबाद छावनी क्षेत्र को नगर पालिका में शामिल करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि छावनी क्षेत्र से एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कहा गया है कि छावनी क्षेत्र के आवासों का स्वामित्व रक्षा मंत्रालय के अधीन रहेगा. ऐसे में नसीराबाद नगर पालिका का कोई ​औचित्य नहीं रहेगा. वह आधी अधूरी रहेगी. ऐसे में नागरिकों को छावनी बोर्ड में ही रखा जाए, अन्यथा सरकार को इसमें पहल कर पूरा स्वामित्व लेना होगा.

एक साल से हत्यारे नहीं पकड़े: सिवाना के विधायक हमीर सिंह भायल ने मिठूडा गांव के सरपंच आमसिंह की गत वर्ष हुई हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि एक साल पहले स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन आज दिन तक कोई भी अपराधी पकड़ में नहीं आया. दहशत का माहौल बना हुआ है. जनता को पुलिस पर भरोसा नहीं है. पिछले एक साल से जगह जगह ज्ञापन दिया जा रहा हैं. एक साल से खुलासा नहीं हुआ है. सिवाना क्षेत्र में आम लोगों ने खेतों में रहना बंद कर दिया हैं, क्योंकि जब एक प्रतिष्ठित व्यक्ति की हत्या हो सकती है तो आमजन की स्थिति क्या होगा? विधायक ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर जघन्य हत्या कांड का खुलासा कर क्षेत्र में दहशत का माहौल खत्म करने की मांग रखी.

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