भीलवाड़ा. जिले के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 13 पंचायतों को शाहपुरा जिले से भीलवाड़ा जिले में मिलाने की मांग को लेकर मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल ने सदन में मुद्दा उठाया है. इन 13 पंचायतों की शाहपुरा से दूरी अधिक है, जबकि भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से दूरी कम है.
मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल ने सोमवार को विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय भीलवाड़ा जिले से ही नवसृजित शाहपुरा जिला बनाया गया था. शाहपुरा जिले में मांडलगढ़ विधानसभा की 13 पंचायतों को शामिल किया गया था. इन पंचायतों के ग्रामीणों ने लगातार विरोध कर भीलवाड़ा जिले में ही रखने की मांग की, लेकिन सरकार ने जन भावना को नहीं समझा और शाहपुरा जिले में सम्मिलित कर लिया. ऐसे में हम मांग करते हैं कि मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 13 पंचायतों को शाहपुरा जिले से हटाकर फिर से भीलवाड़ा जिले में ही शामिल किया जाए. इन 13 पंचायतों की शाहपुरा से दूरी अधिक है, जबकि भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से दूरी कम है.
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लोगों ने बनाई थी संघर्ष समिति : इन पंचायतों को कांग्रेस सरकार ने शाहपुरा जिले में मिलाया था. इसके बाद क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ राजनेता पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में संघर्ष समिति बनाई गई थी. संघर्ष समिति ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व तत्कालीन राजस्व मंत्री रामलाल जाट से मुलाकात कर 13 पंचायतों को फिर से भीलवाड़ा जिले में सम्मिलित करने की मांग की. इस दौरान मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री ने आश्वासन दिया था, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने चुनाव के बहिष्कार की भी चेतावनी दी थी. समझाइश के बाद 13 पंचायत के ग्रामीणों ने मतदान किया. उस समय भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही इन 13 पंचायतों को फिर से भीलवाड़ा जिले में मिलाया जाएगा. अब भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल ने विधानसभा में मांग की है.