लखनऊ : उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को तगड़ा नुकसान हुआ है. किसानों की कई फसलें बर्बाद हो गई हैं. जिन फसलों में फूल आता है, उन पर ओलावृष्टि और बारिश का ज्यादा ही असर पड़ा. सरसों की तैयार फसल और गेहूं के बड़े पौधे ओलावृष्टि से खेतों में ही गिर गए हैं. ऐसे में गेहूं की बालियां खेत में पानी भरने के कारण सड़ जाएंगी. इससे किसानों को भारी नुकसान होगा. जिन जिलों में ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. उससे संबंधित रिपोर्ट जिलाधिकारियों से मांगी गई है और उन्हें सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.
मंगलवार देर रात से बुधवार सुबह तक हुई बारिश और ओलावृष्टि हुई. इस बार किसानों को उम्मीद थी कि अब सर्द मौसम खत्म हो गया है तो शायद बारिश नहीं होगी और उनकी फसल अच्छे से तैयार हो जाएगी. लेकिन किसानों की उम्मीद पर बारिश और ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया है. प्रदेश के तमाम जनपदों में हुई तेज बारिश और कई जनपदों में बारिश के साथ ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक के तमाम जिले बारिश से प्रभावित हुए हैं और यहां पर खेतों में खड़ी किसानों की फसलें तबाह हुई हैं. सरसों के फूलों पर बारिश के साथ ही ओले गिरने से फूल झड़कर नीचे गिर गए हैं. वहीं, गेहूं के पौधे इस समय बालियों से लैस हैं. ओलावृष्टि ने इन बालियों को गिरा दिया है. जिससे अब गेहूं के पौधे झुककर खेत में भरे पानी में उलट गए हैं. ऐसे में गेहूं की फसल को भी बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है.
चना, मटर और आलू की फसल खराब : गेहूं और सरसों की फसल के साथ ही उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पैदा होने वाली चना, मटर और आलू की फसलों को भी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचा है. बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के किसान आलू की पैदावारी करते हैं. मटर की भी अच्छी खासी पैदावार यूपी में होती है. ऐसे में बेमौसम बारिश ने इन फसलों को बड़ी हानि पहुंचाई है. अभी तक अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिन जनपदों में किसानों की फसलों पर बारिश और ओलावृष्टि ने तबाही मचाई है उसे कई करोड़ का नुकसान हुआ है.
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