जींद: हरियाणा में बारिश का सिलसिला जारी है. मौसम विभाग ने एक बार फिर से अलर्ट जारी किया है. ताजा जारी रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 24 सितंबर तक बारिश की संभावना है. वीरवार को हरियाणा के 10 जिलों में झमाझम बारिश हुई. सबसे ज्यादा बारिश भिवानी में 16.2 एमएम हुई. इसके अलावा हिसार में 14.5 एमएम, गुरुग्राम में 9.5 एमएम, सोनीपत में 6.5 एमएम, रोहतक में 2.4 एमएम, हिसार में 1.3 एमएम, अंबाला में 0.6 एमएम, पंचकूला, करनाल, कुरुक्षेत्र और सिरसा में 0.5 एमएम बारिश हुई है. वहीं राजधानी चंडीगढ़ में 0.3 एमएम बारिश हुई.
हरियाणा में मानसून की स्थिति: हरियाणा में 13 सितंबर से 19 सितंबर 2024 के बीच 34.3 एमएम बारिश हुई है. इस दौरान सामान्य तौर पर 14.6 एमएम बारिश होती है. यानी बीते हफ्ते हरियाणा में 135 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है. इसके अलावा एक जून से 19 सितंबर 2024 तक हरियाणा में 401.3 एमएम बारिश हुई, इन दिनों में हरियाणा में सामान्य तौर पर 414.3 एमएम बारिश होती है. मतलब ये कि इस बार हरियाणा में 3 प्रतिशत बारिश कम हुई है. बता दें कि बारिश के चलते हरियाणा के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. हरियाणा का अधिकतम तापमान सिरसा में 35.9 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं न्यूनतम तापमान 20.7 डिग्री सेल्सियस रहा.
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जींद में बारिश से जलभराव: वीरवार सुबह जींद में तेज बारिश हुई. जिसके चलते मौसम सुहावना हो गया. शहर में जगह-जगह जलभराव की वजह से लोगों को परेशानी भी हुई. पटियाला चौक, नरवाना रोड, सीआर किसान कॉलेज के सामने, बत्तख चौक, रानी तालाब मोड पर पानी जमा हो गया. जिससे राहगीरों तथा वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बारिश की वजह से जींद के तापमान में गिरावट दर्ज की गई. वीरवार को जींद का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा. इसके अलावा हवा की गति छह किलोमीटर प्रति घंटा रही. वीरवार को जींद में 10 एमएम बारिश हुई.
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पछेते धान को बारिश की जरूरत: जींद के किसानों ने बताया कि इस समय पीआर धान और अगेती बासमती 1509 धान पकाव की तरफ है. अगर अब ज्यादा वर्षा होती है, तो इन दोनों किस्म की धान की फसल में नुकसान होगा. पीआर धान की तो आगामी दस से 15 दिन में कटाई शुरू हो जाएगी. वहीं कपास की फसल में भी इस समय होने वाली वर्षा से फायदे की तुलना में नुकसान की आशंका ज्यादा है. हालांकि बासमती 1121, 1718 किस्म की धान की फसल में वर्षा से फायदा होगा. जुलाई में सामान्य से कम वर्षा होने की वजह से बासमती धान की रोपाई में देरी हुई थी. जिसके कारण 20 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में धान की रोपाई अगस्त में हुई थी. इस पछेती धान की फसल में वर्षा की जरूरत है.
किसानों के लिए एडवाइजरी जारी: कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि जिले में वीरवार को कहीं हल्की बारिश, तो कहीं तेज बारिश हुई है. मानसून फिर से सक्रिय हुआ है. जिसके चलते आगामी दो दिन तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा. किसान मौसम को ध्यान में रखते हुए कपास व धान की फसल में स्प्रे का काम रोक दें और लगातार फसलों का निरीक्षण करते रहें. खेतों में पानी का ठहराव ना होने दें. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी दो दिन तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा और इस दौरान हरियाणा में बारिश हो सकती है. किसानों को चाहिए कि वो अपनी फसलों का लगातार निरीक्षण करते रहें.