बेतिया: बिहार के बेतिया में रेल पाठशाला चलती है. इस पाठशाला को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य वैसे बच्चों को शिक्षा देना है, जो अनाथ या गरीब होने की वजह से स्टेशनों या फिर सड़कों पर घूमते नजर आते हैं. ये बच्चे स्कूल नहीं जाते और किसी तरह अपना-जीवन यापन करते हैं. ऐसे में बेतिया रेल पुलिस की तरफ से कुछ महीने पहले ये अनोखी पहल की गई है.
रेल पुलिस की रेल पाठशाला: दरअसल बेतिया रेल पुलिस ने जिस रेल पाठशाला की शुरुआत की है, उसमें दर्जनों बच्चे पढ़ने आते हैं. इसमें खास तौर पर वैसे बच्चे पढ़ते हैं, जो रेलवे स्टेशनों या फिर सड़कों पर भटकते हैं. इनमें से कुछ बच्चे सही शिक्षा नहीं मिलने की वजह से चोरी-चकारी जैसे गलत रास्तों पर भी चले जाते हैं. इसी को लेकर रेल पुलिस द्वारा बच्चों को सही-गलत का फर्क बताने के साथ शिक्षा से जोड़ा जा रहा है.
रेल पाठशाला में रोजाना चलती है बच्चों की क्लास: बता दें कि इस रेल पाठशाला की शुरुआत रेल एसपी कुमार आशीष के साथ रेल डीएसपी उमेश कुमार के द्वारा की गई थी. इस रेल पाठशाला में शिक्षक के तौर पर रेल सिपाही अंकिता कुमारी के द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. रेल पाठशाला में गरीब, अनाथ या जो आसपास के बच्चे हैं, जो स्कूल में जाकर पढ़ाई नहीं कर सकते हैं, उन्हें शिक्षित किया जा रहा है.
40 बच्चों से रेल पाठशाला की शुरुआत: दिसंबर 2023 में इस रेल पाठशाला की शुरुआत 40 बच्चों के साथ की गई थी, जिसमें अभी काफी बच्चे पढ़ते हैं. प्रतिदिन 3 बजे से शाम 5 बजे तक बच्चों को इस रेल पाठशाला में पढ़ाया जाता है. इतना ही नहीं बच्चों को रेल पुलिस की तरफ से पढ़ने के लिए हिंदी और इंग्लिश की किताब-कॉपी के साथ अन्य सामान भी उपलब्ध कराया गया है. बच्चे भी इस पाठशाला में मन लगाकर पढ़ते हैं.
"इस रेल पाठशाला की शुरुआत 40 बच्चों को पढ़ाने से की गई. रेल पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के द्वारा रेल पाठशाला की शुरुआत की गई. जिसके अंतर्गत बेतिया रेलवे स्टेशन पर रेल पाठशाला चलाई जा रही है. इस पाठशाला में अनाथ और गरीब बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, ताकि वे भी सही-गलत में फर्क समझे और शिक्षा से जुड़ें."- उमेश कुमार, रेल डीएसपी, बेतिया
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