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ट्रेन में कौन-कौन कर सकता मुफ्त सफर, रोगियों को कितनी छूट, क्या कहते नियम? - railway free travel pass

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 13, 2024, 1:11 PM IST

Railway Free Travel Pass: ट्रेन में कौन-कौन मुफ्त सफर कर सकता है और इसके नियम क्या है, चलिए इस लेख के जरिए जानते हैं.

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रेलवे में मुफ्त सफर. (photo credit: etv bharat archive)

Railway Free Travel Pass: लखनऊ: भारतीय रेलवे की ट्रेनों से रोजाना तीन करोड़ से ज्यादा यात्री सफर तय करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. ट्रेनों का किराया काफी कम होता है जिससे यात्री अपनी यात्रा के लिए अन्य किसी भी साधन की तुलना में ट्रेन को ही तरजीह देते हैं. बसों की तरह ही ट्रेनों में भी कई श्रेणियों के यात्रियों को फ्री यात्रा की भी सुविधा मिलती है. कई श्रेणी के यात्रियों को किराए में छूट का भी लाभ मिलता है. खास बात है कि अगर किन्ही बीमारियों से यात्री ग्रस्त है और ट्रेन से यात्रा करता है तो इसका एक भी पैसा किराए में खर्च नहीं होता है. आइए आपको बताते हैं कि ट्रेनों में किन-किन यात्रियों को मिलती है मुफ्त यात्रा की सौगात और कौन यात्री उठा सकते हैं किराए में छूट का लाभ.

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ट्रेन में कौन-कौन कर सकता मुफ्त सफर? (photo credit: etv bharat archive)
सांसद और विधायक का सफर मुफ्त
ट्रेनों में सफर के लिए सांसदों और विधायकों को कोई किराया नहीं देना पड़ता है. विधान परिषद सदस्य को भी यात्रा के लिए फ्री कूपन उपलब्ध कराए जाते हैं. सांसदों और विधायकों का पैसा सरकार वहन करती है. ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा का माननीय भरपूर लाभ उठाते हैं. ट्रेनों से जमकर सफर करते हैं. मौजूदा सांसद अपनी पत्नी या पति के साथ फर्स्ट क्लास एसी में मुफ्त यात्रा कर सकता है. पूर्व सांसद को पत्नी या पति के साथ सेकंड एसी में और अकेले फर्स्ट क्लास एसी में यात्रा करने की सुविधा मिली हुई है. एक अनुमान के मुताबिक माननीय कई करोड़ रुपए की हर साल मुफ्त यात्रा करते हैं.

असाध्य बीमारियों के रोगियों के साथ एक व्यक्ति की फ्री यात्रा
भारतीय रेलवे असाध्याय बीमारियों से ग्रसित रोगी यात्रियों को मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है.अगर कोई यात्री कैंसर पीड़ित है और इलाज करवाने के लिए ट्रेन से किसी दूसरे शहर जाना चाहता है तो भारतीय रेलवे की तरफ से स्लीपर और थर्ड एसी क्लास में उस रोगी यात्री के साथ ही यात्रा कर रहे साथी को भी पूरी तरह मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है. अगर सेकंड एसी या चेयरकार में कैंसर रोगी यात्रा करता है तो फिर 75 फीसदी तक किराए में छूट दी जाती है. फर्स्ट क्लास या सेकंड क्लास एसी कोच में सफर करता है तो किराए में 50% की छूट की व्यवस्था रेलवे की तरफ से की गई है.

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IRCTC के नियम क्या कहते? (photo credit: etv bharat archive)

थेलेसीमिया रोगियों को मिलती छूट
भारतीय रेलवे असाध्य रोगियों में थैलेसीमिया बीमारी से ग्रस्त यात्री को भी किराए में छूट प्रदान करता है. रोगी अगर इलाज कराने के लिए किसी दूसरे शहर ट्रेन के माध्यम से जाना चाहता है तो रेलवे की तरफ से फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, थर्ड क्लास, एसी और स्लीपर के साथ ही चेयर कार में 75% तक किराए में छूट देता है. इस बीमारी के लिए रेलवे की तरफ से 100% छूट नहीं मिलती है. फर्स्ट और सेकंड एसी में 50% तक किराए में छूट की व्यवस्था की गई है. मरीज के साथ ही यात्रा करने वाले साथी को भी किराए में यही छूट मिलती है.

हार्ट सर्जरी के मरीज को भी मिलता है लाभ
हार्ट सर्जरी के मरीज को भी रेलवे की तरफ से सभी ट्रेनों में फर्स्ट, सेकंड, थर्ड, स्लीपर और चेयर कार क्लास में छूट की सुविधा मिलती है. यात्री के साथ ही उसके साथी को 75% किराए में छूट मिलती है. फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास एसी टिकट पर किराए में 50% की छूट की व्यवस्था है.

किडनी पेशेंट भी लें छूट का लाभ
जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे के तरफ से चेयर कर से लेकर फर्स्ट क्लास एक तक के सफर में मरीज और उसके साथी को किराए में 75 प्रतिशत तक छूट की व्यवस्था है फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास एसी में 50% किराए में डिस्काउंट मिलता है. इसी तरह टीबी की बीमारी में फर्स्ट, सेकंड और स्लीपर क्लास में मरीज और उसके साथी को 75% किराए में छूट मिलती है. एनीमिया में भी यात्री और उसके साथी को 50% किराए में छूट की व्यवस्था है. हीमोफीलिया बीमारी में 75% तक किराए में छूट मिलती है. जो कुष्ठ रोगी है जिन्हें इन्फेक्शन नहीं है उन्हें फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और स्लीपर क्लास में साथी के साथ 75 प्रतिशत तक की किराए में छूट दी जाती है.


दिव्यांगों को भी किराए में छूट
रेलवे की तरफ से दिव्यांगों को भी किराए में छूट की व्यवस्था की गई है. दिव्यांग अगर मानसिक रूप से कमजोर है तो उसके साथ यात्रा कर रहे साथी को भी फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, थर्ड क्लास, स्लीपर और चेयर कार में 75 प्रतिशत तक की छूट की व्यवस्था की गई है. फर्स्ट एसी और सेकंड एसी के साथ एमएसटी में टिकट पर 50% तक की छूट का प्रावधान किया गया है. अगर दिव्यांग दृष्टिहीन है तो यात्री के साथ ही साथी को भी 75% किराए की छूट मिलती है. फर्स्ट और सेकंड क्लास एसी के साथ एमएसटी में 50% की छूट की व्यवस्था की गई है.

ऑनलाइन टिकट से नहीं मिलता छूट का लाभ
किराए में छूट का लाभ लेने के लिए रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर ही टिकट लेना पड़ता है. ऑनलाइन में यह सुविधा नहीं दी गई है. हालांकि अगर कोई दिव्यांग है तो फिर डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के साथ ऑनलाइन ट्रेन टिकट भी बुक कर सकता है. यह लाभ यात्री को तभी मिलेगा जब उसकी यात्रा 300 किलोमीटर से ज्यादा की हो. छूट मिलने के बाद अगर सफर के बीच में ही कहीं उतारना चाहते हैं तो इसकी जानकारी टीटीई को पहले से ही देनी पड़ती है. टिकट के किराए पर अगर छूट लेनी है तो अपनी बीमारी के मेडिकल सर्टिफिकेट की कॉपी अटैच करना जरूरी है. दिव्यांग को डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट की कॉपी टिकट के साथ अटैच करना जरूरी है.




वर्तमान में किन्हें मिलती है छूट, कौन वंचित
वर्तमान में दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों को भारतीय रेलवे की तरफ से किराए में छूट का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन वरिष्ठ नागरिक, पत्रकारों, सेना के जवानों की विधवाओं व अन्य लोगों को जो छूट में लाभ दिया जाता था उसे कोरोना काल में सरकार ने रद्द कर दिया. इसे अभी बहाल नहीं किया गया है. कोरोना काल से पहले सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकट के मूल किराए पर 50 फ़ीसदी तक की छूट मिला करती थी. 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरुषों और 58 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं को सीनियर सिटीजन की श्रेणी में रखा जाता है. पुरुषों को मिल मूल किराए में 40 फ़ीसदी जबकि महिलाओं को बेस फेयर पर में 50% तक की छूट दी जाती थी.

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Railway Free Travel Pass: लखनऊ: भारतीय रेलवे की ट्रेनों से रोजाना तीन करोड़ से ज्यादा यात्री सफर तय करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. ट्रेनों का किराया काफी कम होता है जिससे यात्री अपनी यात्रा के लिए अन्य किसी भी साधन की तुलना में ट्रेन को ही तरजीह देते हैं. बसों की तरह ही ट्रेनों में भी कई श्रेणियों के यात्रियों को फ्री यात्रा की भी सुविधा मिलती है. कई श्रेणी के यात्रियों को किराए में छूट का भी लाभ मिलता है. खास बात है कि अगर किन्ही बीमारियों से यात्री ग्रस्त है और ट्रेन से यात्रा करता है तो इसका एक भी पैसा किराए में खर्च नहीं होता है. आइए आपको बताते हैं कि ट्रेनों में किन-किन यात्रियों को मिलती है मुफ्त यात्रा की सौगात और कौन यात्री उठा सकते हैं किराए में छूट का लाभ.

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ट्रेन में कौन-कौन कर सकता मुफ्त सफर? (photo credit: etv bharat archive)
सांसद और विधायक का सफर मुफ्त ट्रेनों में सफर के लिए सांसदों और विधायकों को कोई किराया नहीं देना पड़ता है. विधान परिषद सदस्य को भी यात्रा के लिए फ्री कूपन उपलब्ध कराए जाते हैं. सांसदों और विधायकों का पैसा सरकार वहन करती है. ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा का माननीय भरपूर लाभ उठाते हैं. ट्रेनों से जमकर सफर करते हैं. मौजूदा सांसद अपनी पत्नी या पति के साथ फर्स्ट क्लास एसी में मुफ्त यात्रा कर सकता है. पूर्व सांसद को पत्नी या पति के साथ सेकंड एसी में और अकेले फर्स्ट क्लास एसी में यात्रा करने की सुविधा मिली हुई है. एक अनुमान के मुताबिक माननीय कई करोड़ रुपए की हर साल मुफ्त यात्रा करते हैं.

असाध्य बीमारियों के रोगियों के साथ एक व्यक्ति की फ्री यात्रा
भारतीय रेलवे असाध्याय बीमारियों से ग्रसित रोगी यात्रियों को मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है.अगर कोई यात्री कैंसर पीड़ित है और इलाज करवाने के लिए ट्रेन से किसी दूसरे शहर जाना चाहता है तो भारतीय रेलवे की तरफ से स्लीपर और थर्ड एसी क्लास में उस रोगी यात्री के साथ ही यात्रा कर रहे साथी को भी पूरी तरह मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है. अगर सेकंड एसी या चेयरकार में कैंसर रोगी यात्रा करता है तो फिर 75 फीसदी तक किराए में छूट दी जाती है. फर्स्ट क्लास या सेकंड क्लास एसी कोच में सफर करता है तो किराए में 50% की छूट की व्यवस्था रेलवे की तरफ से की गई है.

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IRCTC के नियम क्या कहते? (photo credit: etv bharat archive)

थेलेसीमिया रोगियों को मिलती छूट
भारतीय रेलवे असाध्य रोगियों में थैलेसीमिया बीमारी से ग्रस्त यात्री को भी किराए में छूट प्रदान करता है. रोगी अगर इलाज कराने के लिए किसी दूसरे शहर ट्रेन के माध्यम से जाना चाहता है तो रेलवे की तरफ से फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, थर्ड क्लास, एसी और स्लीपर के साथ ही चेयर कार में 75% तक किराए में छूट देता है. इस बीमारी के लिए रेलवे की तरफ से 100% छूट नहीं मिलती है. फर्स्ट और सेकंड एसी में 50% तक किराए में छूट की व्यवस्था की गई है. मरीज के साथ ही यात्रा करने वाले साथी को भी किराए में यही छूट मिलती है.

हार्ट सर्जरी के मरीज को भी मिलता है लाभ
हार्ट सर्जरी के मरीज को भी रेलवे की तरफ से सभी ट्रेनों में फर्स्ट, सेकंड, थर्ड, स्लीपर और चेयर कार क्लास में छूट की सुविधा मिलती है. यात्री के साथ ही उसके साथी को 75% किराए में छूट मिलती है. फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास एसी टिकट पर किराए में 50% की छूट की व्यवस्था है.

किडनी पेशेंट भी लें छूट का लाभ
जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे के तरफ से चेयर कर से लेकर फर्स्ट क्लास एक तक के सफर में मरीज और उसके साथी को किराए में 75 प्रतिशत तक छूट की व्यवस्था है फर्स्ट क्लास और सेकंड क्लास एसी में 50% किराए में डिस्काउंट मिलता है. इसी तरह टीबी की बीमारी में फर्स्ट, सेकंड और स्लीपर क्लास में मरीज और उसके साथी को 75% किराए में छूट मिलती है. एनीमिया में भी यात्री और उसके साथी को 50% किराए में छूट की व्यवस्था है. हीमोफीलिया बीमारी में 75% तक किराए में छूट मिलती है. जो कुष्ठ रोगी है जिन्हें इन्फेक्शन नहीं है उन्हें फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास और स्लीपर क्लास में साथी के साथ 75 प्रतिशत तक की किराए में छूट दी जाती है.


दिव्यांगों को भी किराए में छूट
रेलवे की तरफ से दिव्यांगों को भी किराए में छूट की व्यवस्था की गई है. दिव्यांग अगर मानसिक रूप से कमजोर है तो उसके साथ यात्रा कर रहे साथी को भी फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, थर्ड क्लास, स्लीपर और चेयर कार में 75 प्रतिशत तक की छूट की व्यवस्था की गई है. फर्स्ट एसी और सेकंड एसी के साथ एमएसटी में टिकट पर 50% तक की छूट का प्रावधान किया गया है. अगर दिव्यांग दृष्टिहीन है तो यात्री के साथ ही साथी को भी 75% किराए की छूट मिलती है. फर्स्ट और सेकंड क्लास एसी के साथ एमएसटी में 50% की छूट की व्यवस्था की गई है.

ऑनलाइन टिकट से नहीं मिलता छूट का लाभ
किराए में छूट का लाभ लेने के लिए रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर ही टिकट लेना पड़ता है. ऑनलाइन में यह सुविधा नहीं दी गई है. हालांकि अगर कोई दिव्यांग है तो फिर डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के साथ ऑनलाइन ट्रेन टिकट भी बुक कर सकता है. यह लाभ यात्री को तभी मिलेगा जब उसकी यात्रा 300 किलोमीटर से ज्यादा की हो. छूट मिलने के बाद अगर सफर के बीच में ही कहीं उतारना चाहते हैं तो इसकी जानकारी टीटीई को पहले से ही देनी पड़ती है. टिकट के किराए पर अगर छूट लेनी है तो अपनी बीमारी के मेडिकल सर्टिफिकेट की कॉपी अटैच करना जरूरी है. दिव्यांग को डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट की कॉपी टिकट के साथ अटैच करना जरूरी है.




वर्तमान में किन्हें मिलती है छूट, कौन वंचित
वर्तमान में दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों को भारतीय रेलवे की तरफ से किराए में छूट का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन वरिष्ठ नागरिक, पत्रकारों, सेना के जवानों की विधवाओं व अन्य लोगों को जो छूट में लाभ दिया जाता था उसे कोरोना काल में सरकार ने रद्द कर दिया. इसे अभी बहाल नहीं किया गया है. कोरोना काल से पहले सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकट के मूल किराए पर 50 फ़ीसदी तक की छूट मिला करती थी. 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरुषों और 58 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं को सीनियर सिटीजन की श्रेणी में रखा जाता है. पुरुषों को मिल मूल किराए में 40 फ़ीसदी जबकि महिलाओं को बेस फेयर पर में 50% तक की छूट दी जाती थी.

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