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'पुरानी पेंशन योजना बहाल करो', ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने पटना जंक्शन पर किया प्रदर्शन - Strike In Bihar

Railway Employees Strike: पटना में पुरानी पेंशन की मांग को रेलवे कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन दिया. इस दौरान ईस्ट सेंटर रेलवे कर्मचारी यूनियन ने न्यू पेंशन स्कीम को रद्द करने और ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग की.

Railway Employees Strike
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने पटना जंक्शन पर किया प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 7:56 PM IST

पटना: पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ईस्ट सेंटर रेल कर्मचारी यूनियन द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. कर्मचारियों द्वारा नई पेंशन योजना को खत्म करने की मांग करते हुए हाथ में तख्ती लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन का नेतृत्व ईस्ट सेंटर रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएसडी मिश्रा ने किया.

"15 जुलाई को फेडरेशन के महामंत्री को बुलाया गया है. सरकार के साथ वार्ता होगी और यह अंतिम वार्ता होगी. इसके बाद सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो फेडरेशन निर्णय लेगी, फिर हम लोग एक बड़ा आंदोलन करेंगे. सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू कर देती है तो यह कर्मचारियों के लिए खुशखबरी होगा." - एसएसडी मिश्रा, महामंत्री, ईस्ट सेंटर रेलवे कर्मचारी यूनियन

पुरानी और नई पेंशन स्कीम में अंतर: महामंत्री ने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में सभी कर्मचारियों का पीएफ कटता है. हर कर्मचारी का लगभग 8.33% कटता है, जिसे जरूरत के वक्त निकाल सकते है. उसका नाम ही है भविष्य निधि फैमिली पेंशन रखा गया है. इसमें प्रावधान है कि कर्मचारी अगर मर गया तो उनकी फैमिली को भी पेंशन मिलेगा. उस पेंशन में यह है कि आप जब सेवा निवृत हो रहे हैं यानि 60 साल तक जो वेतन है उसका 50% मिलता है. उसका गारंटी है. जैसे-जैसे महंगाई बढ़ोतरी होगी उसको राहत के साथ पेंशन भी बढ़ती है.

1960 में मारे गए थे 5 कर्मचारी: वहीं, इस मौके पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महामंत्री एसएसडी मिश्रा ने कहा कि 1960 में 11 जुलाई को रेल कर्मचारियों द्वारा हड़ताल किया गया था. उस हड़ताल में हमारे पांच रेल कर्मचारी मारे गए थे, ऐसे में हर साल 12 जुलाई को हम सभी लोग उनको याद करते है.

10 अगस्त को 2 लाख कर्मचारी जुटे: महामंत्री ने कहा कि हम लोग का आंदोलन व्यर्थ नहीं जाएगा, क्योंकि हम लोग 2023 से 21 मार्च को लगातार आंदोलन कर रहे हैं. हमारा आंदोलन अब सकारात्मक रूप ले रहा है. 10 अगस्त को रामलीला मैदान में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था, जिसमें 2 लाख कर्मचारी जुटे थे. उसके बाद सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया था. बातचीत के बाद सरकार ने एक कमेटी बनाई है. हमलोग से पूछा गया था कि इस नई पेंशन में क्या संशोधन हो सकता है, लेकिन हम लोगों ने कोई संशोधन का बात नहीं माना. इसके बाद सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर वार्ता कर रही है.

नई पेंशन स्कीम में पीएफ नहीं कटता: वहीं, नई पेंशन स्कीम में पीएफ नहीं कटता है. यह कंट्रीब्यूटरी पेंशन होता है. इसमें सरकार का भी अंश होता है और कर्मचारी भी देते हैं. इस पीएफ को निकाल कर भविष्य में आप कुछ नहीं कर सकते हैं. सर्विस लाइफ में दो से तीन बार ही इस पीएफ को आप निकाल सकते हैं. वह भी 60% ही अपने लाइफ में निकाल सकते हैं. सरकार के पास जो पैसा जमा होती है सरकारी इसको मार्केट में पैसा लगाती है.

सरकार शेयर मार्केट में लगाती पैसा: शेयर मार्केट का कोई भरोसा नहीं कभी ज्यादा बढ़ जाता है तो कभी कम हो जाता है.यह देखा जाता है कि इस पीएफ का पैसा रिटायर के समय में कम ही रहता है. देखा जा रहा है कि जो कर्मचारी आज 80000 रुपए में रिटायर कर रहे उसकी पेंशन के समय में 4000 से ₹5000 मिल रहे हैं यह जीवन यापन के लिए बहुत कम है.

इसे भी पढ़े- पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग, पटना जंक्शन पर रेलवे कर्मचारियों ने दिया धरना

पटना: पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ईस्ट सेंटर रेल कर्मचारी यूनियन द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. कर्मचारियों द्वारा नई पेंशन योजना को खत्म करने की मांग करते हुए हाथ में तख्ती लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन का नेतृत्व ईस्ट सेंटर रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएसडी मिश्रा ने किया.

"15 जुलाई को फेडरेशन के महामंत्री को बुलाया गया है. सरकार के साथ वार्ता होगी और यह अंतिम वार्ता होगी. इसके बाद सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो फेडरेशन निर्णय लेगी, फिर हम लोग एक बड़ा आंदोलन करेंगे. सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू कर देती है तो यह कर्मचारियों के लिए खुशखबरी होगा." - एसएसडी मिश्रा, महामंत्री, ईस्ट सेंटर रेलवे कर्मचारी यूनियन

पुरानी और नई पेंशन स्कीम में अंतर: महामंत्री ने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम में सभी कर्मचारियों का पीएफ कटता है. हर कर्मचारी का लगभग 8.33% कटता है, जिसे जरूरत के वक्त निकाल सकते है. उसका नाम ही है भविष्य निधि फैमिली पेंशन रखा गया है. इसमें प्रावधान है कि कर्मचारी अगर मर गया तो उनकी फैमिली को भी पेंशन मिलेगा. उस पेंशन में यह है कि आप जब सेवा निवृत हो रहे हैं यानि 60 साल तक जो वेतन है उसका 50% मिलता है. उसका गारंटी है. जैसे-जैसे महंगाई बढ़ोतरी होगी उसको राहत के साथ पेंशन भी बढ़ती है.

1960 में मारे गए थे 5 कर्मचारी: वहीं, इस मौके पर ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए महामंत्री एसएसडी मिश्रा ने कहा कि 1960 में 11 जुलाई को रेल कर्मचारियों द्वारा हड़ताल किया गया था. उस हड़ताल में हमारे पांच रेल कर्मचारी मारे गए थे, ऐसे में हर साल 12 जुलाई को हम सभी लोग उनको याद करते है.

10 अगस्त को 2 लाख कर्मचारी जुटे: महामंत्री ने कहा कि हम लोग का आंदोलन व्यर्थ नहीं जाएगा, क्योंकि हम लोग 2023 से 21 मार्च को लगातार आंदोलन कर रहे हैं. हमारा आंदोलन अब सकारात्मक रूप ले रहा है. 10 अगस्त को रामलीला मैदान में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था, जिसमें 2 लाख कर्मचारी जुटे थे. उसके बाद सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया था. बातचीत के बाद सरकार ने एक कमेटी बनाई है. हमलोग से पूछा गया था कि इस नई पेंशन में क्या संशोधन हो सकता है, लेकिन हम लोगों ने कोई संशोधन का बात नहीं माना. इसके बाद सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर वार्ता कर रही है.

नई पेंशन स्कीम में पीएफ नहीं कटता: वहीं, नई पेंशन स्कीम में पीएफ नहीं कटता है. यह कंट्रीब्यूटरी पेंशन होता है. इसमें सरकार का भी अंश होता है और कर्मचारी भी देते हैं. इस पीएफ को निकाल कर भविष्य में आप कुछ नहीं कर सकते हैं. सर्विस लाइफ में दो से तीन बार ही इस पीएफ को आप निकाल सकते हैं. वह भी 60% ही अपने लाइफ में निकाल सकते हैं. सरकार के पास जो पैसा जमा होती है सरकारी इसको मार्केट में पैसा लगाती है.

सरकार शेयर मार्केट में लगाती पैसा: शेयर मार्केट का कोई भरोसा नहीं कभी ज्यादा बढ़ जाता है तो कभी कम हो जाता है.यह देखा जाता है कि इस पीएफ का पैसा रिटायर के समय में कम ही रहता है. देखा जा रहा है कि जो कर्मचारी आज 80000 रुपए में रिटायर कर रहे उसकी पेंशन के समय में 4000 से ₹5000 मिल रहे हैं यह जीवन यापन के लिए बहुत कम है.

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